भारत उन कुछ देशों में से एक जो रूस, यूक्रेन और इजराइल, ईरान से बात करने की स्थिति में : जयशंकर |

भारत उन कुछ देशों में से एक जो रूस, यूक्रेन और इजराइल, ईरान से बात करने की स्थिति में : जयशंकर

भारत उन कुछ देशों में से एक जो रूस, यूक्रेन और इजराइल, ईरान से बात करने की स्थिति में : जयशंकर

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Modified Date: January 14, 2025 / 09:04 PM IST
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Published Date: January 14, 2025 9:04 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

मैड्रिड, 14 जनवरी (भाषा) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने वैश्विक संघर्षों को समाप्त करने में भारत की संभावित भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि यह (भारत) उन कुछ देशों में से एक है जो रूस और यूक्रेन तथा इजराइल एवं ईरान दोनों के साथ बातचीत करने की स्थिति में है।

स्पेन की दो-दिवसीय यात्रा पर आए जयशंकर ने सोमवार को यहां भारतीय समुदाय के साथ बातचीत के दौरान ये टिप्पणियां कीं। उनका स्पष्ट संदर्भ यूक्रेन और पश्चिम एशिया में चल रहे युद्धों से था। इजराइल पश्चिम एशिया में ईरान समर्थित हमास से लड़ रहा है।

मंत्री ने कहा कि आज भारत को वैश्विक संवाद में योगदान देने वाले के रूप में देखा जा रहा है, जब “विश्व अनेक चुनौतियों, विभिन्न मुद्दों पर विचार कर रहा है, तो हम भी विचारों और पहलों के साथ आगे आते हैं।”

उन्होंने कहा, ‘‘आज बहुत कम देश हैं जो रूस और यूक्रेन से बातचीत करने की स्थिति में हैं।”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पिछले वर्ष दो बार रूस गये तथा यूक्रेन के कीव भी गये।

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत उन कुछ देशों में से एक है जो इजराइल और ईरान दोनों से बात करने की स्थिति में है और क्वाड तथा ब्रिक्स के सदस्य होने के नाते प्रधानमंत्री मोदी दोनों से ही बातें करने में सक्षम हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘तो, यह कुछ ऐसा है, जो वास्तव में बहुत ही अनोखा है। और यह अनोखा इसलिए है, क्योंकि अगर आप दुनिया को देखें तो यह एक बहुत ही ध्रुवीकृत दुनिया है।”

क्वाड में ऑस्ट्रेलिया, जापान, अमेरिका और भारत शामिल हैं, जबकि ब्रिक्स समूह में अब ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात सदस्य हैं।

जयशंकर ने आगे कहा कि भारत ही वह देश है जिसने अफ्रीकी संघ को जी-20 में शामिल किया, जो वर्षों पहले किया जाना चाहिए था।

उन्होंने कहा कि वह 20 साल पहले एक पर्यटक के रूप में स्पेन आए थे और फिर 2017 में उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ यहां आने का सौभाग्य मिला था।

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज की भारत यात्रा बहुत सफल रही थी और मोदी के साथ उनकी इस बात पर सहमति है कि दोनों देशों को अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए।

जयशंकर ने यह भी घोषणा की कि स्पेन जल्द ही बेंगलुरु में एक वाणिज्य दूतावास खोलेगा। उन्होंने इसे दोनों देशों के बीच संबंधों को गहरा करने के लिए एक “अच्छा संकेत” बताया।

उन्होंने प्रवासी समुदाय से भारत के साथ संपर्क में रहने तथा देश में हो रही बहसों और वार्तालापों पर नजर रखने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 10 वर्षों में मैंने जो सबसे बड़ा परिवर्तन देखा है, वह यह है कि भारत सरकार और भारत के लोगों ने प्रवासी समुदाय के योगदान को महत्व दिया है।”

जयशंकर ने मोदी को इस बात का श्रेय दिया कि उन्होंने भारतीयों को प्रवासी समुदाय के अमूल्य योगदान के बारे में समझाया।

विदेश मंत्री के रूप में जयशंकर की यह स्पेन की पहली यात्रा है, जो स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज की भारत यात्रा के लगभग ढाई महीने बाद हो रही है।

जयशंकर ने सोमवार को स्पेन के विदेश मंत्री जोस मैनुअल अल्बेरेस से मुलाकात की और क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।

भाषा प्रशांत सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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