यूरोपीय संघ के साथ करीबी साझेदारी का इच्छुक है भारत : जयशंकर

यूरोपीय संघ के साथ करीबी साझेदारी का इच्छुक है भारत : जयशंकर

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  • Publish Date - January 13, 2025 / 10:56 PM IST,
    Updated On - January 13, 2025 / 10:56 PM IST

(तस्वीरों के साथ)

मैड्रिड, 13 जनवरी (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत यूरोपीय संघ के साथ घनिष्ठ साझेदारी का इच्छुक है और यह भागीदारी भविष्य में भूमध्यसागरीय क्षेत्र में अधिक दिखाई देगी।

वह स्पेन के अपने समकक्ष जोस मैनुअल अल्बेरेस के साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा कर रहे थे।

जयशंकर दो दिवसीय यात्रा पर यहां आए हैं। यह विदेश मंत्री के रूप में उनकी पहली स्पेन यात्रा है और यह स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज की भारत यात्रा के लगभग ढाई महीने बाद हुई है।

उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज स्पेन के विदेश मंत्री जोस मैनुअल अल्बेरेस के साथ व्यापक बातचीत करके खुशी हुई। व्यापार, निवेश, रक्षा, सुरक्षा, शहरी विकास, रेलवे, हरित हाइड्रोजन, जलवायु कार्रवाई और लोगों से लोगों के बीच संबंधों पर हमारी द्विपक्षीय साझेदारी पर सार्थक बातचीत हुई। भारत मजबूत भारत-यूरोपीय संघ संबंधों और एक विश्वसनीय भूमध्यसागरीय भागीदार के समर्थक के रूप में स्पेन की सराहना करता है।’’

बैठक के बाद विदेश मंत्री अल्बेरेस के साथ प्रेस से बातचीत करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत में 230 स्पेनी कंपनियां हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जब हम अपने द्विपक्षीय व्यापार को देखते हैं, तो यह लगभग 10 अरब यूरो का है। रेलवे, डिजिटल और शहरी प्रौद्योगिकियों, स्मार्ट शहरों, हरित और स्वच्छ प्रौद्योगिकियों में भारी संभावनाएं हैं।’’

जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों ने रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में कुछ उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि भारत स्पेन के साथ अपने रक्षा और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए तत्पर है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी सेनाओं के बीच सहयोग को महत्व देते हैं।’’

विदेश मंत्री ने कहा कि एक महत्वपूर्ण विषय जिस पर दोनों पक्ष सहमत हुए हैं वह 2026 को संस्कृति, पर्यटन और एआई का वर्ष घोषित करना है तथा ‘‘मुझे लगता है कि इससे हमारे लोगों को और करीब लाने में मदद मिलेगी।’’

उन्होंने कहा कि एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के युग में कुशल पेशेवरों की अधिक गतिशीलता की आवश्यकता होगी।

जयशंकर ने कहा, ‘‘आज, हमने दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं – एक खेल में, एक सतत शहरी विकास में। वे इस बात का संकेत हैं कि हम अपने सहयोग के क्षेत्र को कैसे व्यापक बना रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि भारत की भूमध्य सागर में गहरी रुचि है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए जयशंकर ने कहा कि भारतीय शांति सैनिक लेबनान और ‘गोलान हाइट्स’ में तैनात हैं।

आगामी ट्रंप प्रशासन में भारत-अमेरिका संबंधों पर एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, ‘‘हमें पूरा विश्वास है कि हमारे रिश्ते बढ़ते रहेंगे।’’

इससे पहले दिन में, जयशंकर ने राजदूतों के नौवें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित किया जिसका विषय ‘हमारी अपनी पहचान वाली एक विदेश नीति’ था।

उन्होंने कहा कि स्पेन और यूरोपीय संघ के साथ भारत के संबंध ‘‘इस अशांत समय में स्थिर कारक’’ हो सकते हैं।

जयशंकर ने यहां महात्मा गांधी की प्रतिमा पर उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

भाषा नेत्रपाल सुभाष

सुभाष