नई दिल्ली। लद्दाख में बड़ी संख्या में चीनीसेना की तैनाती ने सीमा पर तनाव पैदा कर दिया है। सेना के अफसरों की माने तो भारत ने पैंगोंग त्सो और गलवान घाटी में अपनी स्थिति मजबूत की है।
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इन दोनों विवादित क्षेत्रों में चीनी सेना ने अपने दो से ढाई हजार सैनिकों की तैनाती की है और वह धीरे-धीरे अस्थायी निर्माण को मजबूत कर रही है।
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अफसर की माने तो क्षेत्र में भारतीय सेना चीन से कहीं ज्यादा बेहतर स्थिति में है.” गलवान घाटी में दरबुक शयोक दौलत बेग ओल्डी सड़क के पास भारतीय चौकी केएम-120 के अलावा कई महत्वपूर्ण ठिकानों के आसपास चीनी सैनिकों की उपस्थिति भारतीय सेना के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय है।
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सूत्रों ने कहा कि पैंगोंग त्सो, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र में दोनों देश की सेनाओं के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के लिए राजनयिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
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सेना की उत्तरी कमान के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुड्डा ने कहा, “यह गंभीर मामला है. यह सामान्य तौर पर किया गया अतिक्रमण नहीं है.” लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा ने विशेष रूप से इस बात पर बल दिया कि गलवान क्षेत्र पर दोनों पक्षों में कोई विवाद नहीं है, इसलिए चीन द्वारा यहां अतिक्रमण किया जाना चिंता की बात है।
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गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से चीनी सेनाओं और भारतीय जवानों की कई दफा आमना सामना हो चुका है। चीनी सेना ने भारतीय सीमाओं में दाखिल होकर उसे अपना क्षेत्र बता रही है।