भारतीयों की बर्फ में जमने से मौत के मामले में गवाह ने कहा कि वह कुछ देर बाद हो चुका था अलग

भारतीयों की बर्फ में जमने से मौत के मामले में गवाह ने कहा कि वह कुछ देर बाद हो चुका था अलग

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  • Publish Date - November 21, 2024 / 03:44 PM IST,
    Updated On - November 21, 2024 / 03:44 PM IST

फर्गस फॉल्स (अमेरिका), 21 नवंबर (एपी) बर्फीले तूफान के बीच अमेरिका-कनाडा सीमा पार करने वाले एक भारतीय नागरिक ने बताया है कि एक परिवार के चार लोगों की बर्फ में जमने से मौत होने के कुछ ही देर के अंदर वह उनसे अलग हो गया था।

भारतीय नागरिक हर्षकुमार रमनलाल पटेल (29) और फ्लोरिडा के निवासी स्टीव शेंड (50) के खिलाफ जारी मुकदमे की सुनवाई के तीसरे दिन बुधवार को यश पटेल नामक व्यक्ति ने यह गवाही दी।

अभियोजकों का कहना है कि आरोपियों ने दिसंबर 2021 से जनवरी 2022 के बीच पांच सप्ताह के दौरान मिनेसोटा में भारतीय प्रवासियों को तस्करी के जरिए सीमा पार कराने के प्रयास के दौरान मानव जीवन के बजाय वित्तीय लाभ को तरजीह दी।

अभियोजकों के अनुसार रमनलाल पटेल तस्करी योजना का हिस्सा था और उसने शैंड से वाहन चालक के तौर पर काम लिया था। दोनों व्यक्तियों ने मानव तस्करी से संबंधित चार मामलों में अपना अपराध स्वीकार नहीं किया है।

संघीय अभियोजकों का कहना है कि जगदीश पटेल (39) उनकी पत्नी वैशालीबेन (लगभग 30 वर्ष), बेटी विहांगी (11) और बेटे धार्मिक (3) की 19 जनवरी, 2022 को ठंड के कारण मौत हो गई।

‘द कैनेडियन प्रेस’ की खबर के अनुसार यश पटेल (23) ने एक दुभाषिये के माध्यम से गवाही दी कि वह पटेल परिवार से अलग हो गया था और पांच या छह घंटे तक अकेले चलता रहा, जिसके बाद उसे एक वैन मिली, जिसमें उसकी प्रतीक्षा की जा रही थी।

अभियोजकों का कहना है कि वह वैन स्टीव शैंड चला रहा था।

पटेल ने कहा, “बर्फ पड़ रही थी और तेज हवाएं चल रही थीं। मैं बहुत डरा हुआ था। मुझे किसी की मदद चाहिए थी, लेकिन वहां कोई नहीं था।”

‘द कैनेडियन प्रेस’ की खबर के अनुसार यश पटेल ने कहा कि अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने की उनकी यात्रा दिसंबर 2021 में टोरंटो, कनाडा पहुंचने पर शुरू हुई और उन्हें वैंकूवर भेजा गया, फिर वापस टोरंटो, फिर विनिपेग में एक घर में भेज दिया गया।

यश पटेल ने कहा कि उसे एक दंपत्ति और उनके दो बच्चों समेत अन्य भारतीय नागरिकों के एक समूह को एक वैन में बिठाकार सीमा पर ले जाया गया।

पटेल ने कहा कि वहां वैन फंस गई और प्रवासियों को बाहर निकालकर तब तक सीधी दिशा में चलने के लिए कहा गया, जब तक उन्हें कोई दूसरा वाहन न मिल जाए।

एक समय, वह समूह से अलग हो गया और फिर अकेले परिस्थितियों का सामना किया। कई घंटों तक चलने के बाद, वह एक वैन तक पहुंच गया जिसे अभियोजकों के अनुसार, शैंड चला रहा था।

बाद में एक अमेरिकी सीमा गश्ती एजेंट ने वैन को देखकर उसे रोका और चालक के रूप में शैंड की पहचान की। इसके बाद शैंड, यश पटेल और एक अन्य यात्री को गिरफ्तार कर लिया गया।

संघीय अभियोजकों का कहना है कि हर्षकुमार पटेल और स्टीव शैंड ने एक विशाल अंतरराष्ट्रीय तस्करी गिरोह के तहत प्रवासियों को सीमा पार भेजने का प्रयास किया।

अभियोजकों के अनुसार मानव तस्करी का दोषी ठहराया जा चुका राजिंदर सिंह पटेल और शैंड की तरह तस्करी गिरोह का हिस्सा था।

सिंह ने मंगलवार को कहा था कि उसने चार वर्षों में 500 से अधिक भारतीय प्रवासियों को अमेरिका-कनाडा सीमा पार कराकर 400,000 से अधिक अमेरिकी डॉलर कमाए थे।

भारत से कनाडा तक फैले एक आपराधिक नेटवर्क में बेहतर जीवन की चाहत रखने वाले परिवारों को तस्करी कर अमेरिका लाया जाता है और इनमें से कई के साथ भयावह घटनाएं घट जाती हैं।

इसी तरह का एक भारतीय परिवार दो साल पहले सीमा पार करने की कोशिश के दौरान तेज बर्फबारी और हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में मौत का शिकार हो गया था। परिवार के पुरुष सदस्य जगदीश पटेल अपने तीन साल के बेटे को गोद में लिए हुए जान गंवा बैठे थे। उनकी पत्नी और बेटी भी इस दौरान जीवित नहीं बचीं।

माना जाता है कि गुजरात राज्य के डिंगुचा गांव के रहने वाले जगदीश पटेल के परिवार ने बर्फीले मौसम में खेतों में घूमते हुए घंटों बिताए जहां तापमान शून्य से 36 फारेनहाइट (38 डिग्री सेल्सियस) नीचे तक पहुंच गया था। कनाडाई अधिकारियों को 19 जनवरी, 2022 की सुबह पटेल परिवार के सदस्यों के जमे हुए शव बरामद हुए थे।

जगदीश पटेल ने कंबल में लपेटे हुए धार्मिक को पकड़ा हुआ था। संघीय अभियोजकों का कहना है कि हर्ष पटेल और शैंड एक ऐसे अभियान का हिस्सा थे, जो भारत में ग्राहकों की तलाश करता था, उन्हें कनाडाई छात्र वीजा दिलवाता था, परिवहन की व्यवस्था करता था और उन्हें ज्यादातर वाशिंगटन राज्य या मिनेसोटा के जरिए अमेरिका में तस्करी करके लाता था।

एपी जोहेब मनीषा

मनीषा