बाइडन ने विदाई भाषण में अति-धनवानों के समूह से लोकतंत्र को खतरे को लेकर चेतावनी दी

बाइडन ने विदाई भाषण में अति-धनवानों के समूह से लोकतंत्र को खतरे को लेकर चेतावनी दी

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  • Publish Date - January 16, 2025 / 11:30 AM IST,
    Updated On - January 16, 2025 / 11:30 AM IST

वाशिंगटन, 16 जनवरी (एपी) अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को राष्ट्र के नाम अपने विदाई संबोधन में देश में जड़ें जमा रहे अति-धनवानों के समूह और अमेरिकियों के अधिकारों एवं लोकतंत्र का उल्लंघन कर रहे ‘तकनीकी-औद्योगिक परिसर’ के बारे में कड़ी चेतावनी जारी की।

आगामी सोमवार को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता सौंपने की तैयारी करते हुए ‘व्हाइट हाउस’ में ‘ओवल ऑफिस’ से अपने संबोधन में बाइडन ने अमेरिका में कुछ ही लोगों द्वारा शक्ति और धन जमा करने की बात कही।

बाइडन ने कहा, ‘‘आज, अमेरिका में अत्यधिक धन, शक्ति और प्रभाव वाला एक समूह पनप रहा है, जो हमारे पूरे लोकतंत्र, हमारे मूल अधिकारों और स्वतंत्रताओं एवं सभी के आगे बढ़ने के निष्पक्ष अवसर को खतरे में डाल रहा है।’’

उन्होंने ‘सत्ता को कुछ अति-धनवान लोगों के हाथों में खतरनाक तरीके से केंद्रित होने की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा, ‘‘अगर सत्ता के उनके दुरुपयोग को अनियंत्रित छोड़ दिया गया तो इसके खतरनाक परिणाम हो सकते हैं।’

पूर्व राष्ट्रपति ड्वाइट आइजनहॉवर द्वारा 1961 में पद छोड़ते समय सैन्य-औद्योगिक परिसर के बारे में दी गई चेतावनियों का हवाला देते हुए, बाइडन ने कहा, ‘‘मैं तकनीकी-औद्योगिक परिसरों की संभावित वृद्धि को लेकर भी उतना ही चिंतित हूं, जिससे हमारे देश के लिए भी वास्तविक खतरा पैदा हो सकता है।’’

बाइडन ने अपने 15 मिनट के संबोधन में सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण के लिए एक ‘मॉडल’ पेश किया और ट्रंप का नाम लिए बिना अपने उत्तराधिकारी को लेकर चिंता जताई।

‘ओवल ऑफिस’ में उनके द्वारा दिया गया यह भाषण घरेलू नीति और विदेश संबंधों पर उनका ताजा बयान था। इससे पहले उन्होंने इजराइल और हमास के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित युद्धविराम समझौते की घोषणा की, जिससे पश्चिम एशिया में एक साल से अधिक समय से जारी युद्ध समाप्त हो सकता है।

बाइडन ने कहा, ‘‘हमने जो कुछ भी साथ मिलकर किया है, उसका प्रभाव महसूस होने में समय लगेगा, लेकिन बीज बो दिए गए हैं और वे फसल के रूप में उगेंगे, जिसके बाद दशकों तक खिलेंगे।’’

एपी यासिर मनीषा वैभव

वैभव