इमरान खान की पार्टी ने हिंसा मामलों की जांच की मांग की

इमरान खान की पार्टी ने हिंसा मामलों की जांच की मांग की

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  • Publish Date - January 12, 2025 / 09:45 PM IST,
    Updated On - January 12, 2025 / 09:45 PM IST

(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, 12 जनवरी (भाषा) पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के वार्ता दल के सदस्यों ने रविवार को पाकिस्तान के रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद नेता से मुलाकात के बाद नौ मई, 2023 और 26 नवंबर, 2024 के बीच हुई हिंसा के मामलों की जांच की मांग की।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सदस्यों ने भी देश में राजनीतिक तनाव कम करने में मदद के लिए सरकार के साथ तीसरे दौर की वार्ता में भाग लेने की इच्छा व्यक्त की।

खान की गिरफ्तारी के बाद नौ मई को देश के कई शहरों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए, जबकि पिछले साल नवंबर में इस्लामाबाद में ‘पीटीआई’ प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं।

खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर, असद कैसर, उमर अयूब खान, अल्लामा नासिर अब्बास और हामिद रजा पार्टी के प्रमुख नेता थे, जिन्होंने सरकार के साथ तीसरे दौर की बैठक से पहले चर्चा के लिए अडियाला जेल में खान से मुलाकात की।

रजा ने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि यह “एक विस्तृत बैठक” थी, जहां समिति के सदस्यों ने खान के सामने अपने विचार प्रस्तुत किए। खान अगस्त 2023 से जेल में हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने ‘पीटीआई’ के संस्थापक के साथ एक विस्तृत बैठक की है, जिन्होंने एक बार फिर नौ मई, 2023 और 26 नवंबर, 2024 के बीच हुई हिंसा की घटनाओं के तथ्यों को उजागर करने के लिए न्यायिक आयोग की मांग की है, ताकि जिम्मेदार लोगों की पहचान की जा सके।’’

खान ने सुझाव दिया कि आयोग का नेतृत्व एक निष्पक्ष न्यायाधीश को करना चाहिए।

रजा ने कहा कि ‘पीटीआई’ का दल सरकार को यह भी बतायेगा कि वे वार्ता के तीसरे सत्र के लिए तैयार हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि इतने सप्ताह बीत जाने के बाद भी वार्ता में कोई प्रगति नहीं हुई है।

उन्होंने कहा कि खान ने वार्ता पूरी करने के लिए 31 जनवरी तक की समयसीमा दी है, जिसे केवल प्रगति होने पर ही बढ़ाया जा सकता है।

पार्टी की मांगों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि वे ‘पीटीआई’ कार्यकर्ताओं और नेताओं की रिहाई की भी मांग करेंगे।

दोनों पक्षों के बीच औपचारिक वार्ता पिछले महीने शुरू हुई थी और अब तक दो दौर की वार्ता हो चुकी है।

भाषा देवेंद्र सुरेश

सुरेश