इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा को भ्रष्टाचार के मामले में क्रमश: 14 और सात साल की सजा सुनाई गई

इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा को भ्रष्टाचार के मामले में क्रमश: 14 और सात साल की सजा सुनाई गई

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  • Publish Date - January 17, 2025 / 05:19 PM IST,
    Updated On - January 17, 2025 / 05:19 PM IST

(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, 17 जनवरी (भाषा) पाकिस्तान की एक अदालत ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को 19 करोड़ पाउंड के अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में दोषी करार देते हुए क्रमशः 14 और सात वर्ष कैद की सजा सुनाई।

भ्रष्टाचार निरोधक अदालत के न्यायाधीश नासिर जावेद राणा ने अडियाला जेल में स्थापित एक अस्थायी अदालत में यह फैसला सुनाया, जहां खान वर्तमान में बंद हैं। 2022 में संसद में विश्वास मत हारने के बाद खान दर्जनों मामलों का सामना कर रहे हैं।

खान को ‘‘भ्रष्ट आचरण’’ और ‘‘पद का दुरुपयोग’’ करने के लिए दोषी करार दिया गया है, जबकि उनकी पत्नी को ‘‘अवैध गतिविधियों में संलिप्तता’’ के लिए दोषी ठहराया गया है।

अगस्त 2023 से जेल में बंद इमरान खान को कैद की सजा के अलावा 10 लाख पाकिस्तानी रुपये और बुशरा बीबी पर पांच लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना नहीं भरने पर खान को छह महीने और बुशरा बीबी को तीन महीने की अतिरिक्त सज़ा काटनी होगी।

अदालत ने उनके द्वारा स्थापित अल-कादिर विश्वविद्यालय की जमीन भी ज़ब्त करने का आदेश दिया।

सजा सुनाये जाने के बाद बुशरा को अदालत में गिरफ्तार कर लिया गया।

खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के समर्थकों और नेताओं ने संसद भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, हाथों में तख्तियां लेकर नारे लगाए और उन्हें रिहा किये जाने की मांग की।

पूर्व प्रधानमंत्री के हवाले से उनकी पार्टी ने कहा, ‘‘आज के फैसले से न्यायपालिका की छवि खराब हुयी है। इस मामले में न तो मुझे कोई लाभ हुआ था और न ही सरकार को नुकसान हुआ था। मैं किसी प्रकार की राहत नहीं चाहता हूं और मैं सभी मामलों का सामना करुंगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक तानाशाह यह सब कर रहा है।’’

खान की पार्टी के नेताओं ने इस फैसले की कड़ी निंदा करते हुए इसे ‘‘अन्यायपूर्ण’’, ‘‘शर्मनाक’’ एवं ‘‘राजनीतिक उत्पीड़न’’ का मामला बताया।

पार्टी के अध्यक्ष गौहर खान ने कहा, ‘‘अदालत का व्यवहार अन्यायपूर्ण रहा है। खान साहब को इस मामले से एक रुपये का भी फायदा नहीं हुआ है।’’

पार्टी के अधिवक्ता फैसल चौधरी ने इस फैसले को ‘‘राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) का राजनीतिक इस्तेमाल’’ करार दिया।

पार्टी के एक अन्य नेता शिबली फ़राज़ ने तर्क दिया कि खान और बीबी कथित लेन-देन के लाभार्थी नहीं हैं।

उन्होंने दलील दी कि उन्हें अल-कादिर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए दंडित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य पैगंबर की शिक्षाओं का प्रसार करना था।

फ़राज़ ने फ़ैसले को चुनौती देने की पुष्टि करते हुए कहा, ‘‘देश को लूटने वाले आज़ाद घूम रहे हैं, जबकि ईमानदार नेताओं को जेल जाना पड़ रहा है।’’

खान उच्च न्यायालय और ज़रूरत पड़ने पर उच्चतम न्यायालय में, इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील कर सकते हैं।

राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने दिसंबर 2023 में खान (72), बीबी (50) और छह अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें उन पर सरकारी खजाने को 19 करोड़ पाउंड (करीब 50 अरब पाकिस्तानी रुपये) का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।

मुकदमा, खान और उनकी पत्नी बुशरा पर चलाया गया क्योंकि एक प्रॉपर्टी कारोबारी सहित अन्य सभी आरोपी देश से बाहर हैं।

आरोप है कि एक प्रॉपर्टी कारोबारी के साथ समझौते के तहत ब्रिटेन की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी द्वारा पाकिस्तान को लौटाए गए 50 अरब पाकिस्तानी रुपये का दुरुपयोग किया गया।

राष्ट्रीय खजाने के तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली इस राशि को उस व्यवसायी के कथित तौर पर निजी लाभ के लिए लगाया गया, जिसने बीबी और खान को एक विश्वविद्यालय स्थापित करने में मदद की थी।

अल-कादिर ट्रस्ट के न्यासी के रूप में बीबी पर इस समझौते से लाभ उठाने का आरोप है, जिसमें झेलम में अल-कादिर विश्वविद्यालय के लिए 458 कनाल भूमि का अधिग्रहण करना भी शामिल है।

जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायाधीश राणा ने 18 दिसंबर को मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी, लेकिन फैसला 23 दिसंबर तक सुरक्षित रख लिया था। बाद में उन्होंने फैसला सुनाने के लिए 6 जनवरी की तारीख तय की थी।

राणा छह जनवरी को अवकाश पर थे और सजा सुनाने की तारीख 13 जनवरी निर्धारित की गयी थी।

लेकिन अभियुक्तों और उनके अधिवक्ता के अदालत में 13 जनवरी को उपस्थित नहीं होने के कारण सजा सुनाने की तिथि एक बार फिर आगे बढ़ा दी गई।

यह फैसला खान और उनकी पार्टी के कई अन्य नेताओं के कारावास के कारण देश में उत्पन्न राजनीतिक अस्थिरता को दूर करने के लिए सरकार और खान की पार्टी के बीच जारी बातचीत के बीच आया है।

पिछले साल 8 फरवरी को हुए चुनावों के बाद से ही पाकिस्तान राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहा है। उस समय खान की पार्टी ने नतीजों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था और चुनावों में कथित धांधली और खान की हिरासत को लेकर कई विरोध प्रदर्शन किए थे।

सरकार और खान की पार्टी के बीच अब तक तीन दौर की बातचीत हो चुकी है और विपक्षी दल ने सरकार को लिखित रूप में अपनी मांगों की सूची सौंपी है।

खान का दावा है कि उनके खिलाफ सभी मामले “राजनीति से प्रेरित” हैं। पिछले साल उन्हें गोपनीय दस्तावेज सार्वजनिक करने के लिए ‘सिफर’ मामले और विवाह कानूनों का उल्लंघन करने से जुड़े इद्दत मामले में बरी कर दिया गया था, लेकिन दिसंबर में तोशाखाना-2 भ्रष्टाचार मामले में उन्हें आरोपित किया गया था।

भाषा

रंजन रंजन सुभाष

सुभाष