प्रवासी विशेषज्ञों ने ट्रडो की आप्रवासन नीति पर उठाए सवाल

प्रवासी विशेषज्ञों ने ट्रडो की आप्रवासन नीति पर उठाए सवाल

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  • Publish Date - November 28, 2024 / 05:59 PM IST,
    Updated On - November 28, 2024 / 05:59 PM IST

(लिसा रूथ ब्रूनर, ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी और कैपुसीन कोस्टेरे, कॉनकॉर्डिया यूनिवर्सिटी)

वैंकूवर, 28 नवंबर (द कन्वरसेशन) कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में एक वी़डियो जारी कर आप्रवासन नीति के बारे में बताया। उन्होंने इस नीति के विभिन्न पहलुओं का जिक्र करते हुए दावा किया कि इससे कनाडा में लगभग 20 प्रतिशत तक आप्रवासन को कम किया जा सकेगा।

ट्रूडो ने यह वीडियो ऐसे समय में जारी किया है जब आप्रवासन के मुद्दे पर उनका जनसमर्थन कम होता जा रहा है और दल के नेता के पद से उनके इस्तीफा दिए जाने की मांग की जा रही है। वहीं, देश में आगामी संसदीय चुनाव में उनकी पार्टी (लिबरल पार्टी) की जीतने की संभावनाएं भी कम होती नजर आ रही हैं।

दो हजार के दशक के प्रारंभ से ही कनाडा के लोगों ने आप्रवासन पर सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखा, लेकिन धीरे-धीरे अब लोगों की राय बदल रही है। हालांकि अब भी कनाडा के लोगों की प्राथमिकताएं अर्थव्यवस्था, आवास और स्वास्थ्य सेवा पर केंद्रित है, लेकिन जब उनसे आप्रवासन के बार‍े में पूछा जाता है तो अधिकतर लोग यही कहते हैं कि देश में अप्रवासियों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ रही है।

अप्रवासियों की संख्या का लगातार बढ़ना

कनाडा में 1957 के बाद साल 2022 और 2023 में सबसे ज्यादा जनसंख्या में वृद्धि देखी गई। देश में 1999 से जनसंख्या बढ़ने का अहम कारण अन्य देशों से आने वाले लोग ही रहे हैं। वहीं, इन दोनों साल में कनाडा की जनसंख्या बढ़ने का कारण अस्थायी निवासी ही हैं, जिसमें अप्रवासी श्रमिक और अंतरराष्ट्रीय छात्र शामिल हैं।

ट्रूडो ने वीडियो संदेश में दावा किया कि अधिकतर अप्रवासी ‘‘अपने घर लौट जाते हैं और वे कभी भी लंबे समय तक अप्रवासी’’ नहीं बने रहते।

कनाडा में साल 2023 के मध्य से अस्थायी निवासियों खासकर अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आवास संबंधी परेशानियों का कारण माना जाने लगा।

कनाडा सरकार अध्ययन परमिट की सीमा तय करके और कार्य परमिट को प्रतिबंधित करके अस्थायी निवासियों की संख्या को कम करने की कोशिश कर रही है, लेकिन तब भी सरकार की दो-चरणीय आव्रजन नीति अहम है।

कई अस्थायी निवासी स्वाभाविक रूप से कनाडा में ही रहना चाहते हैं।

उच्च शिक्षा को दोष देना

ट्रूडो ने दावा किया, ‘‘बहुत से कॉलेज और विश्वविद्यालय अपनी आय बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्रों का इस्तेमाल कर रहे हैं… क्योंकि वे इन छात्रों से डिग्री के लिए हजारों डॉलर अधिक वसूलते हैं।’’ हालांकि अप्रवासियों की बढ़ती संख्या के लिए केवल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को ही दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

ट्रूडो ने कनाडा की 2014-19 और 2019-24 की संघीय अंतरराष्ट्रीय शिक्षा रणनीतियों का भी जिक्र नहीं किया, जिसमें अंतरराष्ट्रीय छात्रों के आर्थिक योगदान पर जोर दिया गया है।

कनाडा की सार्वजनिक उच्च शिक्षा को देखते हुए अब समय आ गया है कि अधिक संसाधनों की मांग की जाए तथा इसके मूल्य की रक्षा की जाए न कि ध्यान भटकाने के लिए किसी पर उंगली उठाई जाए।

निर्वासन पर जिक्र

ट्रूडो ने वीडियो में अंत में बताया कि ‘‘कुछ अस्थायी निवासी वीजा की अवधि समाप्त होने पर कनाडा में रहने के लिए शॉर्टकट के रूप में हमारी शरण प्रणाली की ओर रुख कर सकते हैं, लेकिन ‘‘यदि वे उचित दस्तावेज या उचित कारण नहीं बता पाए तो उन्हें घर भेज दिया जाएगा।’’

वैसे तो ट्रूडो की यह बात सीधी-सादी लगती है। लेकिन इसमें यह भी बात छिपी है कि बड़ी संख्या में अस्थायी निवासियों को कनाडा को चुनने के लिए प्रोत्साहित किया गया, उनसे महत्वपूर्ण त्याग करने के लिए कहा गया और कहा गया कि वे यहां रह सकते हैं।

अंततः, नई आव्रजन योजना लंबे समय तक नहीं चल सकती। यदि कंजर्वेटिव नेता पियरे पोलीवरे चुनाव जीत जाते हैं तो उन्होंने जनसंख्या वृद्धि को ‘नौकरियों, घरों और स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता’ से जोड़ने के अस्पष्ट वादे किए हैं – हालांकि इसका वास्तव में क्या मतलब है, यह स्पष्ट नहीं है।

द कन्वरसेशन

प्रीतिंं नरेश

नरेश