लाहौर, 27 मार्च (भाषा) पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि बलूचिस्तान प्रांत वर्तमान में एक ‘अवैध सरकार’ के तहत है। खान ने कहा कि 1971 की गलतियों ने पाकिस्तान को विभाजित कर दिया था, वैसी गलतियों को दोहराया नहीं जाना चाहिए।
खान ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘बलूचिस्तान पर थोपी गई एक अवैध सरकार किसी भी मुद्दे का समाधान कैसे कर सकती है? एक पाकिस्तानी और एक पूर्व प्रधानमंत्री के रूप में, मैं बलूचिस्तान की स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हूं, जहाँ आतंकवाद में तेज वृद्धि हुई है।’’
खान ने कहा, ‘‘शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाना, राज्य द्वारा हिंसा और गैरकानूनी गिरफ्तारियां समान रूप से बहुत परेशान करने वाली हैं।’
खान अगस्त 2023 से जेल में बंद हैं।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक खान ने कहा कि बलूचिस्तान में स्थिति तब तक नहीं सुधर सकती जब तक कि वास्तविक जनप्रतिनिधियों को मुख्यधारा में नहीं लाया जाता, उनकी आवाज को ईमानदारी से नहीं सुना जाता और क्षेत्र का भाग्य लोगों की इच्छा के अनुसार तय नहीं किया जाता।
उन्होंने चेतावनी दी, ‘‘केवल बल से इस मुद्दे को कभी हल नहीं किया जा सकता, क्योंकि इससे संकट और गहरा होगा और अस्थिरता और बढ़ेगी।’’
खान (72) ने कहा, ‘‘वर्ष 2024 में धोखाधड़ी वाले चुनावों के माध्यम से थोपी गई कठपुतली सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है, इसकी विदेश नीति पूरी तरह से विनाशकारी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम अफगानिस्तान के साथ बातचीत करके आतंकवाद से निपट सकते हैं। हम अफगानिस्तान के साथ 2,200 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं और शांतिपूर्ण बातचीत ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। हमारे (पीटीआई के) कार्यकाल के दौरान, उस समय अफगान सरकार के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद, हमने उनके साथ सीधी बातचीत की थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने तीन वर्षों में जो नीतियां लागू कीं, उनसे आतंकवाद का सफलतापूर्वक सफाया हुआ। हालांकि, हमारे कार्यकाल के बाद, बाइडन (अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन) की नीति को अपनाने से कई मुद्दे सामने आए और आज, जनता बढ़ते आतंकवाद के रूप में इसका खामियाजा भुगत रही है।’’
खान ने कहा कि पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने अभी तक अफगानिस्तान के साथ कोई गंभीर कूटनीतिक पहल नहीं की है।
भाषा
अमित सुरेश
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