(बरुण झा)
दावोस (स्विट्जरलैंड), 23 जनवरी (भाषा) एलजीबीटीक्यूआई (समलैंगिक समुदाय), खुले में शौच और लैंगिक समानता जैसे प्रमुख सामाजिक मुद्दों पर फिल्मों में काम करने वाली अभिनेत्री भूमि पेडणेकर अब दुनिया के समक्ष मौजूद सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे – जलवायु परिवर्तन पर फिल्म में काम करना चाहती हैं।
वह भारतीय संस्कृति को वैश्विक मंच पर ले जाने के लिए हॉलीवुड में भी काम करना चाहती हैं।
पेडणेकर यहां विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक में बतौर युवा वैश्विक नेता के रूप में हिस्सा लेने आईं।
उन्होंने कहा कि अगर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का जिम्मेदारी से उपयोग किया जाए तो फिल्मों में इसका बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है।
यहां ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में पेडणेकर ने पत्रकारों द्वारा की जाने वाली कड़ी मेहनत की प्रशंसा की, जिसका एहसास उन्हें फिल्म ‘भक्षक’ में एक रिपोर्टर की भूमिका के लिए शोध करते समय हुआ।
भूमि को अभिनेत्री भूमि, जलवायु कार्यकर्ता भूमि या युवा वैश्विक नेता भूमि में से कौन सबसे ज्यादा पसंद है, इस प्रश्न पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे वह भूमि पसंद है जो समाज पर प्रभाव छोड़ती है, चाहे वह फिल्मों के माध्यम से हो या सामाजिक कार्यों के माध्यम से, लेकिन प्रभाव सकारात्मक होना चाहिए।’’
जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में भूमि के काम के लिए उन्हें डब्ल्यूईएफ द्वारा युवा वैश्विक नेता घोषित किया गया है।
उनकी पहल ‘क्लाइमेट वॉरियर’ कचरा पृथक्करण, वर्षा जल संचयन, पुनर्चक्रण और उपयोग की गई वस्तु का पुन: प्रयोग सहित स्थायी जीवन पद्धतियों के लिए जमीनी स्तर की जलवायु परिवर्तन गतिविधियों के साथ सहयोग करती है।
वह संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के साथ सतत विकास लक्ष्यों के लिए राष्ट्रीय पैरोकार भी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अपने कॅरियर की शुरुआत से ही मैंने ऐसी कहानियों वाली फिल्में करने की कोशिश की है जो हमारे समाज को बेहतर बना सकें और लोगों की सोच में सकारात्मक बदलाव ला सकें। मैं पर्दे से हटकर भी इसी तरह की चीजें करने की कोशिश कर रही हूं और कुछ हद तक मैं उस प्रक्रिया का हिस्सा बनना चाहती हूं जो आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर पर्यावरण, बेहतर समाज और बेहतर पृथ्वी छोड़ जाए।’’
अपनी फिल्मों में सामाजिक मुद्दों पर आधारित विभिन्न प्रकार के किरदार निभाने वाली पेडणेकर ने कहा कि वह निश्चित रूप से ऐसी फिल्म में काम करना चाहेंगी जो जलवायु परिवर्तन के बारे में बात करती हो।
अभिनेत्री ने कहा, ‘‘दावोस में भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। मैं हमेशा रात को सोते समय राहत महसूस करती हूं और सोचती हूं कि मैंने आज कुछ अच्छा किया जिसका कुछ सकारात्मक प्रभाव पड़ा। यहां आकर और इतने सारे वैश्विक नेताओं से मिलकर मुझे बहुत संतुष्टि मिली जो इसे एक बेहतर दुनिया बनाना चाहते हैं। मैंने यहां बहुत कुछ सीखा है और अब मुझे लगता है कि उन सीख पर अमल करने का समय आ गया है।’’
पेडणेकर ने कहा कि वह निश्चित रूप से हॉलीवुड की फिल्मों में काम करना चाहेंगी लेकिन वह भारतीय फिल्मों में काम करना कभी नहीं छोड़ेंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कला की कोई भाषा या भौगोलिक सीमा नहीं होनी चाहिए। मैं अपनी संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करना चाहती हूं, क्योंकि मुझे भारतीय होने पर गर्व है और मैं बहुत देशभक्त हूं। मेरा देश और हमारी फिल्में हमेशा मेरे अंदर रहेंगी।’’
भाषा सुरभि वैभव
वैभव