मैं ही वह नेता हूं जिसकी आप लोगों को तलाश थी : राष्ट्रपति राजपक्षे

मैं ही वह नेता हूं जिसकी आप लोगों को तलाश थी : राष्ट्रपति राजपक्षे

मैं ही वह नेता हूं जिसकी आप लोगों को तलाश थी : राष्ट्रपति राजपक्षे
Modified Date: November 29, 2022 / 08:32 pm IST
Published Date: February 4, 2021 11:36 am IST

कोलंबो, चार फरवरी (भाषा) राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने बृहस्पतिवार को श्रीलंका के लोगों से कहा कि वही वह नेता हैं जिनकी लोगों को तलाश थी और उन्होंने खुलेआम अपने सिंहली-बौद्ध मूल का हवाला देते हुए कहा कि देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होने के लिए वही सही व्यक्ति हैं।

श्रीलंका के 73वें स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करते हुए राजपक्षे ने कहा, ‘‘मैं सिंहाला बौद्ध नेता हूं और ऐसा कहने से मैं कभी नहीं हिचकूंगा। मैं बौद्ध मत के मुताबिक इस देश का शासन चलाता हूं।’’

अपने परंपरागत संबोधन में राजपक्षे (71) ने कहा, ‘‘मैं ही वह नेता हूं जिसकी आपको तलाश थी।’’ श्रीलंका चार फरवरी 1948 को अंग्रेजी शासन से स्वतंत्र हुआ था।

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राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘शांतिपूर्ण सह अस्तित्व की बौद्ध शिक्षा के तहत इस देश का हर व्यक्ति चाहे वह किसी भी जाति या धर्म का है, उसे देश के कानूनी ढांचे के तहत बराबर की स्वतंत्रता हासिल है।’’

राजपक्षे ने कहा, ‘‘इस देश में रहने वाले हर नागरिक को बराबर अधिकार है। जातीय या धार्मिक आधार पर हमारे नागरिकों को बांटने के किसी भी प्रयास को हम खारिज करते हैं।’’

स्वतंत्रता दिवस के सरकारी कार्यक्रम में राष्ट्रगीत केवल सिंहली भाषा में गाया गया जबकि राष्ट्रगीत का तमिल संस्करण भी संवैधानिक रूप से स्वीकार्य है।

तमिल संस्करण को पहली बार 2016 में गाया गया था। लेकिन 2019 से इसे बंद कर दिया गया।

भाषा नीरज नीरज नरेश

नरेश


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