(स्टीफन ब्लूमेनफील्ड, क्रिस पीस, जोआन क्रॉफोर्ड और रोया गोर्जिफर्ड, विक्टोरिया यूनिवर्सिटी ऑफ वेलिंगटन)
वेलिंगटन, 26 सितंबर (द कन्वरसेशन) न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने इस सप्ताह सरकारी कर्मचारियों को कार्यालय से काम करने का आदेश देकर देश में भविष्य में कामकाज के तरीके को लेकर बहस छेड़ दी।
हालांकि लक्सन के आदेश में कार्य संस्कृति में आए व्यापक बदलाव की अनदेखी की गई है।
पिछले दशक में घर से काम करने (डब्ल्यूएफएच) का चलन काफी बढ़ा है। कोविड महामारी ने भविष्य में होने वाले बदलावों के लिए उत्प्रेरक का काम किया, जिससे यह साबित हुआ कि कई नौकरियां कार्यालय न आकर भी सफलतापूर्वक की जा सकती हैं।
‘न्यूजीलैंड जर्नल ऑफ एम्प्लॉयमेंट रिलेशंस’ में हमारे आगामी लेख में कार्यालय से दूर रहकर कामकाज करने के फायदे और नुकसानों पर चर्चा की गई है। हमने इस बात पर प्रकाश डाला है कि कैसे एक ‘हाइब्रिड’ मॉडल यानी कभी घर से तो कभी कार्यालय से काम करना आपके स्वास्थ्य, संबंधों और कामकाजी क्षमता में सुधार कर सकता है।
हमने पाया कि ‘हाइब्रिड’ तरीका अपनाने से बेहतर नतीजे मिल सकते हैं क्योंकि समाज प्रौद्योगिकी और रोजगार के साथ बदलता रहता है। प्रधानमंत्री के आदेश के बावजूद सरकारी कर्मचारियों के कार्यालय लौटने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है।
कामकाजी लचीलापन
वर्तमान नियमों के तहत, कर्मचारी लचीली कामकाजी व्यवस्था का अनुरोध कर सकते हैं। नियोक्ता को अनुरोध अस्वीकार करने पर वैध कारण बताना होगा।
‘ह्यूमन रिसोर्सेज न्यूज़ीलैंड के 2023’ के सर्वेक्षण के अनुसार, 40 प्रतिशत मानव संसाधन (एचआर) पेशेवरों ने कहा कि घर से काम करने से कर्मचारियों की कार्यक्षमता बेहतर हुई।
कुछ व्यावसायिक संगठनों ने घर से काम करने या फिर ‘हाइब्रिड’ कार्य व्यवस्था को अपनाया है। उदाहरण के लिए, न्यूजीलैंड लॉ एसोसिएशन ने अपने सदस्यों के लिए लचीली कामकाजी व्यवस्था का समर्थन किया है।
ते कावा माताहो लोक सेवा आयोग की एक रिपोर्ट में महामारी के दौरान कर्मचारियों के घर से काम करने पर गुणवत्तापूर्ण सेवाएं मिलने का उल्लेख किया गया है।
क्या घर से काम करने से कार्यकुशलता कम होती है?
लक्सन का तर्क है कि कर्मचारियों के वापस कार्यालय आने से कार्यकुशलता बढ़ेगी। लेकिन इस बात के बहुत कम सबूत हैं कि घर से काम करने या हाइब्रिड तरीके से से न्यूजीलैंड में कार्यकुशला में काफी गिरावट आई है।
इसके बजाय, हमने पाया कि केवल कार्यालय आने का विकल्प देने से सरकार के लिए नई परेशानियां पैदा होने का जोखिम है। कोविड के दौरान और उसके बाद के अनुभवों से भी यह धारणा गलत साबित हुई है कि कार्यालय से काम करना हर किसी के लिए उचित है।
महामारी के पहले वर्ष के दौरान, कई कर्मचारियों ने अनौपचारिक संवाद की कमी महसूस की, जिससे कभी रचनात्मकता को बढ़ावा मिलता था। वे अकेलेपन से भी जूझ रहे थे। महिलाओं को अक्सर बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारियों के साथ-साथ पेशेवर कामकाज भी करना पड़ रहा था।
इसके बावजूद, महामारी के दौरान किए गए ओटागो विश्वविद्यालय के सर्वेक्षण में पाया गया कि 67 प्रतिशत प्रतिभागियों ने हाइब्रिड कार्य व्यवस्था को प्राथमिकता दी।
ऑस्ट्रेलियाई ट्रेड यूनियन परिषद द्वारा घर से काम करने के संबंध में किए गए सर्वेक्षण से पता चला है कि लगभग 48 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कार्यकुशलता में वृद्धि का अनुभव किया, जिसका एक कारण कार्यालय आने-जाने के झंझट से छुटकारा मिलना भी था।
हालांकि सर्वेक्षण में चुनौतियां भी उजागर हुईं। लगभग 40 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें तय समय से ज्यादा काम करना पड़ा, जिससे परेशानियां हुईं। कर्मचारियों की बेहतरी के लिए इन मुद्दों का समाधान करना आवश्यक है।
भविष्य का कामकाजी तरीका
कार्यालय आने पर जोर देने के बजाय नेताओं को काम के बदलते माहौल के हिसाब से खुद को ढालना चाहिए।
लचीली कार्य व्यवस्था को बढ़ावा देने से कर्मचारी ज्यादा कार्यकुशल बन सकते हैं, जिससे अंततः आज के गतिशील माहौल में न्यूजीलैंड की सरकारी सेवाओं को फायदा होगा।
(द कन्वरसेशन) जोहेब देवेंद्र
देवेंद्र