‘हश मनी’ मामला : न्यायाधीश ने ट्रंप को सजा सुनाई, पर दंडित करने से इनकार किया

‘हश मनी’ मामला : न्यायाधीश ने ट्रंप को सजा सुनाई, पर दंडित करने से इनकार किया

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  • Publish Date - January 10, 2025 / 09:30 PM IST,
    Updated On - January 10, 2025 / 09:30 PM IST

न्यूयॉर्क, 10 जनवरी (एपी) अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पॉर्न स्टार को मुंह बंद रखने के एवज में भुगतान (हश मनी) करने से जुड़े मामले में शुक्रवार को औपचारिक तौर पर सजा सुनाई गई, लेकिन न्यायाधीश ने उनके लिए न तो जेल की सजा का ऐलान किया और न ही कोई जुर्माना या प्रतिबंध लगाया।

फैसले को ट्रंप के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है और इससे उनके व्हाइट हाउस में बतौर राष्ट्रपति दूसरे कार्यकाल के लिए लौटने का रास्ता भी साफ हो गया है।

मैनहट्टन की एक अदालत के न्यायाधीश जुआन एम मर्चन ‘हश मनी’ मामले में 78 वर्षीय ट्रंप को चार साल की जेल की सजा सुना सकते थे। हालांकि, उन्होंने एक ऐसा फैसला चुना, जिसने मामले का प्रभावी ढंग से निपटारा करते हुए कई संवैधानिक मुद्दों को पनपने से रोक दिया।

ट्रंप अमेरिका में राष्ट्रपति पद पर काबिज होने वाले पहले ऐसे व्यक्ति होंगे, जिन्हें किसी आपराधिक मामले में दोषी करार देते हुए औपचारिक सजा सुनाई गई।

यह मामला 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ट्रंप द्वारा ‍अपने एक सहयोगी के माध्यम से पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को 1,30,000 अमेरिकी डॉलर का भुगतान किए जाने से जुड़ा हुआ है, ताकि वह उनके साथ यौन संबंध बनाने की बात सार्वजनिक न करे।

पूर्व राष्ट्रपति ने पॉर्न स्टार को मुंह बंद रखने के लिए भुगतान करने से जुड़े मामले में उच्चतम न्यायालय से सजा सुनाए जाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने ट्रंप की याचिका खारिज कर दी थी, जिससे न्यायमूर्ति मर्चन के लिए शुक्रवार को उनकी सजा का ऐलान करने का रास्ता साफ हो गया था।

हालांकि, न्यायमूर्ति मर्चन ने संकेत दिए थे कि वह ट्रंप को जेल की सजा नहीं सुनाएंगे और न ही उन पर कोई जुर्माना या प्रतिबंध लगाएंगे।

एपी पारुल माधव

माधव