कैसे वेंस की बेस्टसेलर किताब उनके राजनीतिक करियर में बनी सहायक

कैसे वेंस की बेस्टसेलर किताब उनके राजनीतिक करियर में बनी सहायक

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  • Publish Date - October 21, 2024 / 04:06 PM IST,
    Updated On - October 21, 2024 / 04:06 PM IST

(रोडने टेवियेरा, सिडनी विश्वविद्यालय)

सिडनी, 21 अक्टूबर (360इंफो) किताब की बिक्री में उछाल और नेटफ्लिक्स के दर्शकों की संख्या में वृद्धि के साथ जेडी वेंस द्वारा अमेरिकी सपनों को आधार बनाकर रची गई किताब ‘ हिलबिली एलेजी’ उनके राजनीतिक शस्त्रागार में एक शक्तिशाली हथियार या दोधारी तलवार साबित हो सकती है।

ओहियो से सीनेटर वेंस की 2016 की पुस्तक, 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए डोनाल्ड ट्रंप के साथी के रूप में चुने जाने के तुरंत बाद बेस्टसेलर सूची में वापस आ गई।

ट्रंप द्वारा उन्हें रिपब्लिकन पार्टी का उप राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किए जाने के पांच दिन के भीतर किताब की 2,00,000 प्रतियां बिक गईं जबकि घोषणा से पिछले सप्ताह केवल 1,500 किताबें बिकी थीं। रॉन हॉवर्ड द्वारा निर्देशित और एमी एडम्स और ग्लेन क्लोज़ अभिनीत नेटफ्लिक्स फिल्म रूपांतरण को देखने वालों की संख्या भी 15 जुलाई से 1000 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गई है।

पुस्तक और फिल्म अमेरिकी स्वप्न के बारे में एक सांस्कृतिक आख्यान प्रस्तुत करती है जो शक्तिशाली है। यदि दर्शक कहानी को पंसद करते हैं तथा कुछ असुविधाजनक सच्चाइयों को नजरअंदाज कर देते हैं तो यह चर्चित हो जाती है ।

हिलबिली एलेजी, एपलाचिया के एक गरीब, श्वेत, मजदूर वर्ग के परिवार में वेंस के पालन-पोषण की कहानी कहती है। उसकी अकेली मां नशे की लत से जूझ रही थी और लगातार साथी बदलती रहती थीं।

कथाकर (32 वर्षीय) ने वर्णित किया है कि युवा जे.डी. को पिता तुल्य व्यक्ति को बार-बार खो देने का दुख था। आलोचक इस बात पर बहस करते हैं कि क्या वेंस या मिडलटाउन, ओहियो, जहां वे बड़े हुए, वैध रूप से एपलाचियन होने का दावा कर सकते हैं (यदि आप चाहें तो रेडिट देखें)। इसके बावजूद एक मिश्रित पीढ़ी के प्रवासी परिवार की उनकी कहानी, जो शराब और नशीली दवाओं की समस्या से जूझ रहा था और रस्ट बेल्ट अमेरिका में नौकरियां खत्म हो रही थीं, इस वर्ष के राष्ट्रपति चुनाव में व्यापक रूप से चर्चित होनी चाहिए। ठीक उसी प्रकार जैसे यह 2016 में चर्चित हुई थी, जब ट्रंप जीते थे।

वेंस कठिन परिस्थितियों (उनके परिवार, विशेषकर उनकी मां) के प्रति व्यक्तिगत जिम्मेदारी की कमी और व्यक्तिगत अनुशासन और दृढ़ संकल्प के कारण अगली पीढ़ी की सफलता की ओर अग्रसर होने की कहानी प्रस्तुत करते हैं जो मिशिगन, पेंसिल्वेनिया, एरिजोना और विस्कॉन्सिन जैसे महत्वपूर्ण ‘स्विंग’ (जहां के मतदाताओं की पारंपरिक रूप से किसी एक दल के प्रति निष्ठा नहीं है) राज्यों के मतदाताओं के लिए गुत्थी को सुलझाने वाले बन गए हैं।

और यह बात स्वयं इन मतदाताओं को भी प्रभावित कर सकती है – जिनमें न केवल अमेरिका की वित्तीयकृत, विसंघीकृत, उत्तर-औद्योगिक अर्थव्यवस्था में पीछे छूट गए श्रमिक वर्ग में शामिल हैं, बल्कि इसमें वे अप्रवासी परिवार भी शामिल हैं जो रूढ़िवादी विचार रखते हैं और अमेरिकी स्वप्न को हासिल करने की अप्रवासियों की उत्कृष्ट कहानी को दोहराने की कोशिश कर रहे हैं।

बाद वाले समूह को अक्सर ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी का हिस्सा मानकर अनदेखा कर दिया जाता है। लेकिन इस पुस्तक की अमेरिकी मतदाताओं के लिए कितनी प्रासंगिकता है, इस पर कुछ चेतावनी भी हैं। अमेरिकी सपने के बारे में इसका संदेश तभी प्रभावशाली है जब आप दो प्रमुख तथ्यों को नजरअंदाज कर दें।

ट्रंप के मतदाताओं को समझना

सबसे पहले, संस्मरण एक राजनीतिक हथियार के रूप में कार्य करता है। यह पुस्तक पहाड़ी लोगों या किसी अन्य व्यक्ति के लिए नहीं है जो खुद को वेंस के निर्माण में देख सकते हैं जिसे विद्वान ड्वाइट बिलिंग्स ने ‘ट्रंपलाचिया’ कहा है। इसके बजाय, यह पुस्तक 2016 के चुनाव के बाद ट्रंप के मतदाताओं की उदार, तटीय और उच्च वर्ग की समझ के लिए एक प्रकार की निर्देशिका थी।

वेंस प्रकाशन के समय और ‘‘अमेरिका में क्या गलत था’’ के स्पष्टीकरण की बढ़ती चाह के मामले में इससे अधिक भाग्यशाली नहीं हो सकते थे। उदारवादी पाठकों के लिए खुशी की बात है कि इस पुस्तक से यह सुझाव लिया जा सकता है कि समस्या मुख्यतः अमेरिका में नहीं, बल्कि मतदाताओं में ही है।

(360इंफो डॉट ओआरजी) धीरज मनीषा

मनीषा