स्वीडन में तलाक किस तरह लैंगिक समानता को बढ़ावा दे रहा है

स्वीडन में तलाक किस तरह लैंगिक समानता को बढ़ावा दे रहा है

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  • Publish Date - June 30, 2024 / 03:21 PM IST,
    Updated On - June 30, 2024 / 03:21 PM IST

(हेलेन एरिक्सन, समाजशास्त्र शोधकर्ता, स्टॉकहोम विश्वविद्यालय)

स्टॉकहोम, 30 जून (द कन्वरसेशन) दुनिया भर के समाजों में एकल माताएं सबसे असुरक्षित समूहों में से एक हैं। स्वीडन में पिछले दो दशकों में देखभाल करने और जिम्मेदारियां निभाने वाली इन महिलाओं की संख्या लगभग आधी हो गई है। इस बदलाव का कारण क्या है? क्या हम अलगाव और तलाक़ की बढ़ती वैश्विक प्रवृत्ति में नाटकीय उलटफेर देख रहे हैं?

नहीं, स्वीडन में शादी टूटने के मामले अभी भी दुनिया में सबसे अधिक है। स्वीडन न केवल तलाक की दर में आगे है, बल्कि यह बच्चों की अभिरक्षा को 50:50 के अनुपात में विभाजित करने के मामले में भी दुनिया में सबसे आगे है। जिन बच्चों के माता-पिता अलग-अलग रह रहे हैं उनमें लगभग आधे बच्चे अब अपना समय दोनों घरों के बीच बराबर-बराबर बिताते हैं।

जर्नल ‘सोशल फोर्सेज’ में प्रकाशित हमारे नए अध्ययन में हम यह पता लगाना चाहते थे कि रहने की व्यवस्था में इस उल्लेखनीय बदलाव ने पूर्व पति और पत्नियों के बीच देखभाल के काम के लैंगिक विभाजन को किस हद तक बदल दिया है।

हमने परिकल्पना की कि जब बच्चे केवल अपनी माताओं के साथ रहने चले जाते हैं तो इस तरह के परिवार विघटन के प्रभाव से लैंगिक समानता अधिक हो सकती है।

आखिरकार 50:50 के अनुपात में बच्चों को साथ रखने के लिए पिता को आधे समय तक बच्चे की पूरी देखभाल की जिम्मेदारी लेनी पड़ती है और ऐसा बहुत कम पिता करते हैं। इसलिए यह माता-पिता को देखभाल के काम के अधिक समतावादी विभाजन की ओर धकेल सकता है।

देखभाल कार्य के एक उपाय के रूप में हमने अधिक आय वाले देशों में महिलाओं और पुरुषों के बीच सबसे कठोर असमानताओं में से एक के बारे में जानने की कोशिश की। यह बच्चे की देखभाल के लिए वेतनभोगी काम से छुट्टी लेना था। हमने स्वीडन की पूरी आबादी को शामिल करने वाले प्रशासनिक रजिस्टर डेटा का इस्तेमाल किया जिसमें तलाक से पहले और बाद में प्रत्येक बच्चे की मां और पिता की छुट्टी लेने की जानकारी शामिल हैं।

हमारे नतीजे बताते हैं कि स्वीडन में तलाक के कारण बच्चों के पिता के काम से छुट्टी लेने के दिनों में बढ़ोतरी हुई है। हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि तलाक के कारण स्वीडन में दशकों से लैंगिक क्रांति धीमी पड़ रही है, जहां पारंपरिक रूप से माताएं ही सारी जिम्मेदारी उठाती हैं।

हम यह तर्क देने की कोशिश नहीं कर रहे हैं कि तलाक एक अच्छी बात है। इसके बजाय हमारा मानना ​​है कि तलाक संयुक्त परिवार को अत्यधिक लैंगिक भेदभाव वाले माहौल के रूप में उजागर करने में मदद करता है।

स्वीडन में और व्यापक रूप से दुनिया भर में, विपरीत दंपति प्रबंधक-सहायक गतिशीलता में फंस जाते हैं, जिसमें मां पूरा प्रशासनिक और मानसिक कार्यभार संभालती है और पिता को केवल विशिष्ट कार्य सौंपती है। ऐसा जान पड़ता है कि समय के साथ इसमें बहुत अधिक बदलाव की संभावना नही है। 50:50 रहने की व्यवस्था सामान्य रूप से श्रम के अधिक लैंगिक-समान विभाजन का रास्ता दिखाती है।

सीख यह है कि पुरुष अपने बच्चों की देखभाल खुद कर सकते हैं और करते भी हैं। अगर स्वीडिश पुरुष ऐसा कर सकते हैं तो अन्य पुरुष भी कर सकते हैं। स्वीडिश पुरुषों की जैविक बनावट अन्य पुरुषों से अलग नहीं है, इसलिए ऐसा लगता है कि सांस्कृतिक रूढ़िवादिता ही अंततः इसके लिए जिम्मेदार है।

स्वीडन का अनुभव यह बता सकता है कि दूसरे देश किस दिशा में जा रहे हैं। हालांकि स्वीडन कई मायनों में आगे है।

परिवार से संबंधित कई बदलावों, जिसमें तलाक में वृद्धि और बच्चों की देखभाल में पिताओं की अधिक भागीदारी शामिल है, उनमें स्वीडन अग्रणी रहा है, ऐसा ही बाद में पूरे यूरोप और उत्तरी अमेरिका में देखा गया।

तलाक के बाद पिता के साथ रहना एक और ऐसा ही बदलाव प्रतीत होता है, और यह न केवल उन महिलाओं के लिए अच्छी खबर है जो अचानक यह घोषणा करती हैं कि “पहली बार … पूर्व पति अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं” बल्कि उन पुरुषों के लिए भी जिन्हें अब अलगाव के बाद अपने बच्चों को खोने की भावना से जुड़े दर्द से नहीं जूझना पड़ता।

(द कन्वरसेशन) शुभम शफीक

शफीक