ब्रुनेई के साथ मजबूत संबंधों की आशा: प्रधानमंत्री मोदी

ब्रुनेई के साथ मजबूत संबंधों की आशा: प्रधानमंत्री मोदी

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  • Publish Date - September 3, 2024 / 09:32 PM IST,
    Updated On - September 3, 2024 / 09:32 PM IST

(फोटो के साथ)

बंदर सेरी बेगवान, तीन सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में मंगलवार को ब्रुनेई पहुंचे। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह ब्रुनेई के साथ मजबूत संबंधों, विशेषकर वाणिज्यिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक हैं।

मोदी द्विपक्षीय यात्रा पर ब्रुनेई आने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए सुल्तान हाजी हसनअल बोल्किया और शाही परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अपनी बैठकों को लेकर उत्सुक हैं।

प्रधानमंत्री मोदी का हवाई अड्डे पर शहजादे अल-मुहतदी बिल्लाह ने स्वागत किया। मोदी को हवाई अड्डे पर ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ भी प्रदान किया गया।

मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमारे देशों के बीच मजबूत संबंधों, खासकर वाणिज्यिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। मैं हवाई अड्डे पर मेरा स्वागत करने के लिए ‘क्राउन प्रिंस’ हाजी अल-मुहतदी बिल्लाह को धन्यवाद देता हूं।’’

मोदी बुधवार को ब्रुनेई से सिंगापुर जाएंगे।

मोदी ने ब्रुनेई में उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद भी गये, जिसे वर्तमान सुल्तान के पिता ने बनवाया था। उन्होंने भारतीय उच्चायोग में नए ‘चांसरी’ परिसर का भी उद्घाटन किया। दोनों जगहों पर उन्होंने भारतीय प्रवासियों से बातचीत की।

धार्मिक मामलों के मंत्री पेहिन दातो उस्ताज अवांग बदरुद्दीन ने मस्जिद में प्रधानमंत्री का स्वागत किया। मोदी ने मस्जिद के इतिहास को दर्शाने वाला एक वीडियो भी देखा। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री मोहम्मद ईशाम भी उपस्थित थे। मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ब्रुनेई में उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद गया।’’

मस्जिद का नाम ब्रुनेई के 28वें सुल्तान उमर अली सैफुद्दीन तृतीय (वर्तमान सुल्तान के पिता, जिन्होंने इसका निर्माण भी शुरू कराया था) के नाम पर रखा गया है और इसका निर्माण 1958 में पूरा हुआ था।

उच्चायोग में नए ‘चांसरी’ परिसर का उद्घाटन करते हुए मोदी ने इसे दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों का संकेत बताया। प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘भारतीय उच्चायोग के नये ‘चांसरी’ परिसर का उद्घाटन करके प्रसन्न हूं। यह ब्रुनेई दारुस्सलाम के साथ हमारे मजबूत संबंधों का संकेत है। यह भारतीय मूल के लोगों की भी सेवा करेगा।’’

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस अवसर पर मोदी ने दीप प्रज्वलित किया तथा पट्टिका का अनावरण किया। मंत्रालय ने कहा कि ‘चांसरी’ परिसर भारतीयता की गहन भावना को दर्शाता है, जिसमें पारंपरिक रूपांकनों तथा हरे-भरे वृक्षों को कुशलतापूर्वक एकीकृत किया गया है। उसने कहा कि सुरुचिपूर्ण आवरण और टिकाऊ कोटा पत्थरों का उपयोग, इसके सौंदर्य आकर्षण को और बढ़ाता है, जो पारम्परिक और समकालीन तत्वों का सामंजस्यपूर्ण सम्मिश्रण है।

बयान के अनुसार, यह डिजाइन न केवल भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है, बल्कि एक शांत और आकर्षक वातावरण भी प्रदान करता है।

मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उद्घाटन के अवसर पर उपस्थित भारतीय समुदाय के सदस्यों से बातचीत भी की। उन्होंने दोनों देशों के बीच जीवंत सेतु के रूप में उनकी भूमिका तथा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान की सराहना की।

बयान में कहा गया, ‘‘ब्रुनेई की स्वास्थ्य देखभाल सेवा तथा शिक्षा क्षेत्रों के विकास में भारतीय चिकित्सकों तथा शिक्षकों के योगदान को अच्छी मान्यता मिली है।’’

बयान के अनुसार, ब्रुनेई में भारतीयों के आगमन का पहला चरण 1920 के दशक में तेल की खोज के साथ शुरू हुआ था। वर्तमान में, लगभग 14,000 भारतीय ब्रुनेई में रह रहे हैं।

मोदी जब होटल पहुंचे, तो भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका स्वागत किया। उन्होंने समुदाय के लोगों से बातचीत की। एक बच्ची ने मोदी को उनका ‘स्केच’ भेंट किया। प्रधानमंत्री ने बच्ची को अपना ऑटोग्राफ दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों, विशेषकर वाणिज्यिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने की आशा कर रहे हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह यात्रा खास है, क्योंकि यह भारत के प्रधानमंत्री की ब्रुनेई की पहली द्विपक्षीय यात्रा है और यह ऐसे समय हो रही है, जब दोनों देश इस वर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना की 40वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।’’

वर्ष 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अक्टूबर 11वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्रुनेई गए थे।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि ब्रुनेई भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और हिंद-प्रशांत के लिए दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण भागीदार है। भारत और ब्रुनेई के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध हैं, जो द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर आपसी सम्मान और समझ पर आधारित हैं।

बुधवार को मोदी सुल्तान हसनअल बोल्किया के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस यात्रा से ब्रुनेई के साथ रक्षा सहयोग, व्यापार और निवेश, ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सहयोग, क्षमता निर्माण, संस्कृति के साथ-साथ लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित सभी मौजूदा क्षेत्रों में दोनों देशों का सहयोग और मजबूत होगा तथा नए क्षेत्रों में सहयोग के अवसर तलाशे जाएंगे।

ब्रुनेई से मोदी बुधवार को सिंगापुर जाएंगे, जहां वह राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम, प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग, वरिष्ठ मंत्री ली सीन लूंग, गोह चोक टोंग से मुलाकात करेंगे। प्रधानमंत्री सिंगापुर के कारोबारी समुदाय के नेताओं से भी मिलेंगे।

मोदी ने कहा, ‘‘दोनों देश (सिंगापुर और ब्रुनेई) हमारी ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और हिंद-प्रशांत के लिए दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण भागीदार हैं। मुझे विश्वास है कि मेरी यात्राओं से ब्रुनेई, सिंगापुर और वृहद आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) क्षेत्र के साथ हमारी साझेदारी और मजबूत होगी।’’

भाषा आशीष माधव

माधव