नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से कश्मीर पर मध्यस्थता का राग अलापा है। अबकी बार तो ट्रंप ने कश्मीर पर हिंदू-मुसलमान भी कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने यहां तक कह दिया है कि कश्मीर के लोगों में मेलजोल नहीं है। ट्रंप ने कश्मीर के हालात को विस्फोटक भी बता दिया है। ज़ाहिर तौर पर ट्रंप कश्मीर के सच से अनजान हैं। ऐसा लगता है उन्हें द्विपक्षीय मामले का मतलब भी पता नहीं है। तभी तो अपने बयान से पलटने और इंटरनेशनल किरकिरी के बावजूद उन्होंने कश्मीर पर दोबारा मध्यस्थता का राग अलाप दिया है।
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ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से टकराव का मुद्दा रहे कश्मीर की ‘‘विस्फोटक’’ स्थिति पर एक बार फिर मध्यस्थता की पेशकश की है। ट्रंप ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष सप्ताहांत में यह मुद्दा उठायेंगे। अमेरिका ने मोदी से कश्मीर में तनाव कम करने के लिये कदम उठाने का अनुरोध किया था। ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कश्मीर बेहद जटिल जगह है। यहां हिंदू हैं और मुसलमान भी और मैं नहीं कहूंगा कि उनके बीच काफी मेलजोल है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मध्यस्थता के लिये जो भी बेहतर हो सकेगा, मैं वो करूंगा।’’
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गौरतलब है कि ट्रंप ने जुलाई में भी कश्मीर पर मध्यस्थता की पेशकश की थी। पाकिस्तानी पीएम इमरान खान के अमेरिकी दौरे के दौरान ही उन्होंने बहुत बड़ा झूठ बोला था। ट्रंप ने कहा था कि पीएम मोदी ने उन्हें कश्मीर पर मध्यस्था करने को कहा था। इस पर हिंदुस्तान ने कड़ा रुख दिखाया जिसके बाद ट्रंप अपने बयान से पलट गए। अमेरिका ने भी माना कि कश्मीर हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है। इतना सब होने के बावजूद अब फिर से ट्रंप ने मध्यस्थता की पेशकश दोहरा दी है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने और सूबे के पुनर्गठन के चलते पाकिस्तान से तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से बात की थी। दोनों नेताओं के बीच टेलिफोन पर करीब 30 मिनट लंबी बातचीत हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने पाक से संबंधों को लेकर बिना उसका नाम लिए ट्रंप से कहा कि कुछ नेताओं का भारत के खिलाफ हिंसा का रवैया शांति की प्रक्रिया में बाधक है। उनका इशारा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की तरफ था, जिन्होंने हाल में भारत विरोधी कई बयान दिए हैं।
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