उपकरणों में किए गए धमाकों से हिज्बुल्ला को लगा बड़ा झटका, पर क्षति अपूरणीय नहीं : विश्लेषक

उपकरणों में किए गए धमाकों से हिज्बुल्ला को लगा बड़ा झटका, पर क्षति अपूरणीय नहीं : विश्लेषक

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  • Publish Date - September 19, 2024 / 09:05 PM IST,
    Updated On - September 19, 2024 / 09:05 PM IST

बेरूत, 19 सितंबर (एपी) लेबनान में इस सप्ताह पेजर, वॉकी-टॉकी और अन्य उपकरणों में धमाके कर हिज्बुल्ला सदस्यों को निशाना बनाए जाने के बाद भयावह और हतप्रभ करने वाले दृश्य देखने को मिले।

हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि इस हमले के बावजूद हिज्बुल्ला फिर से संगठित होने और संचार को स्थापित करने में सक्षम होगा लेकिन इस घटना का मनोवैज्ञानिक असर गहरा होगा।

इन धमाकों के लिए इजराइल को दोषी ठहराया जा रहा है। हालांकि, इजराइल ने न तो घटना में संलिप्त होने की पुष्टि की है और न ही इससे इनकार किया है। इन हमलों में दो बच्चों सहित कम से कम 37 लोग मारे गए जबकि 3,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

लेबनान की सेना के अवकाश प्राप्त जनरल इलियास हन्ना ने हमलों को ‘हिज्बुल्ला के लिए पर्ल हार्बर या 9/11’’ करार दिया है।

कार्नेगी मिडिल ईस्ट सेंटर थिंक टैंक के वरिष्ठ शोधार्थी मोहनद हेज अली ने कहा कि चूंकि धमाकों ने समूह के विभिन्न संस्थानों के लोगों को प्रभावित किया, इसलिए यह हमला ‘संगठन के सीने में घोंपा गये खंजर’ की तरह था। अली ने हिज्बुल्ला पर वृहद पैमाने पर अध्ययन किया है।

उन्होंने कहा, ‘इससे उबरने में समय लगेगा और जो लोग निशाना बनाए गए थे उनकी जगह नए लोगों को लाया जाएगा।’’

हालांकि, हेज अली और अन्य विश्लेषक इस बात पर सहमत हैं कि मानवबल की हानि कोई बहुत बड़ा झटका नहीं है।

हिज्बुल्ला के नेता हसन नसरल्लाह ने कहा है कि समूह के लड़ाकू बल की संख्या 100,000 से अधिक है।

हिज्बुल्ला के करीबी लेबनानी विश्लेषक कासिम कासिर ने कहा कि विस्फोटक उपकरणों ने वास्तव में समूह के अधिकांश गैर लड़ाके सदस्यों को निशाना बनाया, न कि लड़ाकों या सुरक्षा अधिकारियों को। इससे उसे अपने युद्ध प्रयासों पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने में मदद मिली।

विश्लेषकों के मुताबिक इस हमले का असर हिज्बुल्ला के संचार नेटवर्क पर मानवीय क्षति से कहीं अधिक विनाशकारी हो सकता है। सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ एवं लेबनान की सेना के अवकाश प्राप्त जनरल नाजी मालेब ने कहा, ‘‘दूरसंचार सैन्य अभियानों और संचार का आधार है। संचार में देरी से विनाशकारी साबित हो सकती है।’’

तेल अवीव स्थित थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल सिक्योरिटी स्टडीज की वरिष्ठ शोधकर्ता और इजराइली सेना और प्रधानमंत्री कार्यालय की पूर्व खुफिया विश्लेषक ओर्ना मिजराही ने कहा कि पेजर के माध्यम से संचार की क्षमता में क्षति एक ‘नाटकीय झटका’ है, लेकिन आतंकवादी समूह के पास अन्य संचार विधियां हैं और वे अपने संचार नेटवर्क का पुनर्निर्माण करेंगे।

उन्होंने कहा कि हिज्बुल्ला को सबसे अधिक नुकसान मनोवैज्ञानिक रूप से हुआ है।

एपी धीरज माधव

माधव