अच्छी शिक्षा, अवसर भारतीय छात्रों को अमेरिकी विश्वविद्यालयों की तरफ आकर्षित करते हैं: शिक्षाविद

अच्छी शिक्षा, अवसर भारतीय छात्रों को अमेरिकी विश्वविद्यालयों की तरफ आकर्षित करते हैं: शिक्षाविद

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  • Publish Date - November 25, 2024 / 11:07 AM IST,
    Updated On - November 25, 2024 / 11:07 AM IST

(ललित के झा)

वाशिंगटन, 25 नवंबर (भाषा) शिक्षाविदों का कहना है कि वैश्वीकरण, अमेरिका में अपार अवसर और बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासियों की मौजूदगी भारतीय विद्यार्थियों को खास तौर पर विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित के विषयों में उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका की तरफ आकर्षित करते हैं।

‘पेस यूनिवर्सिटी’ के अध्यक्ष मार्विन क्रिसलोव ने एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यहां भारतीय युवाओं की बढ़ती संख्या और शिक्षा के प्रति उनका उत्साह तथा अमेरिका में अपार अवसर ज्यादा आकर्षित करते हैं।’’

‘इंटरनेशनल एजुकेशनल एक्सचेंज’ की एक हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि 2023-2024 में अमेरिका में रिकॉर्ड 3,31,602 भारतीय छात्र आए और इसी के साथ भारत ने इस मामले में पिछले साल चीन को भी पीछे छोड़ दिया।

यह पिछले वर्ष की तुलना में 23 प्रतिशत की वृद्धि है।

क्रिसलोव ने कहा, ‘‘यहां भारतीय-अमेरिकी का एक बड़ा समुदाय है जो छात्रों को अमेरिका की तरफ आकर्षित करता है। इन लोगों को भारतीय समुदाय के साथ घनिष्ठ संबंध रखना अच्छा लगता है। यहां अपार अवसर भी हैं और बहुत से भारतीय यहां आकर अपनी शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। उनमें से कई यहां कुछ समय के लिए रहे भी हैं और उन्हें बेहद सफलता मिली।’’

रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य रूप से स्नातक में 1,96,567, (19 प्रतिशत अधिक) और वैकल्पिक व्यावहारिक प्रशिक्षण (ओपीटी) में 97,556 (41 प्रतिशत अधिक) भारतीय छात्रों की संख्या बढ़ी है।

ओपीटी, काम के लिए एक अस्थायी परमिट है जो एफ-1 अंतरराष्ट्रीय छात्रों को उनके अध्ययन के क्षेत्र से संबंधित व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का अवसर देता है।

‘इलिनोइस टेक’ के अध्यक्ष राज एचमबाडी के अनुसार, इसके दो मुख्य कारण हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘एक कारण यह है कि अमेरिकी शैक्षणिक दृष्टिकोण से भारतीय छात्रों में गुणवत्ता असाधारण रूप से काफी अधिक है। उनमें से लगभग 60 प्रतिशत यानी 3,30,000 में से लगभग दो लाख छात्रों ने अमेरिका में स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिला लिया है।’’

एचमबाडी ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘दूसरा कारण अमेरिकी परिप्रेक्ष्य से है। दो प्रमुख देशों के बारे में बात की जाए तो वे चीन और भारत हैं। अमेरिका में लगभग 60 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय छात्र इन दो देशों से आते हैं। जाहिर है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत सरकार और अमेरिका सरकार के बीच संबंध मजबूत रहे हैं, जबकि उसके साथ (चीन के साथ) संबंध वैसे नहीं रहे। वास्तव में यही इस अंतर (चीन की तुलना में भारतीय छात्रों की संख्या में वृद्धि) का कारण है।’’

एचमबाडी ने कहा कि अमेरिका आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और कनाडा की तुलना में तेजी से बढ़ रही है।

भाषा खारी सिम्मी

सिम्मी