(के जे एम वर्मा)
बीजिंग, 29 नवंबर (भाषा) कृत्रिम प्रजनन पद्धति के इस्तेमाल के बाद चीन में विशाल पांडा की आबादी बढ़कर लगभग 1,900 हो गई है। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
भालू के परिवार के ये सदस्य गोल चेहरे, मोटे शरीर और शरीर पर सफेद तथा काले बालों के विशिष्ट निशान के लिए पहचाने जाते हैं। इनकी आबादी बढ़ने के साथ ही ये लुप्तप्राय से संवेदनशील श्रेणी में आ गये हैं।
चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि विशाल पांडा का प्रजनन सबसे कठिन प्रक्रिया थी।
चीन संरक्षण और अनुसंधान केंद्र के मुख्य विशेषज्ञ ली डेसेंग ने कहा, ‘‘शुरुआती दिनों में विशाल पांडा का कृत्रिम प्रजनन एक बड़ी समस्या थी। 1980 के दशक के दौरान हमने केवल एक शिशु पांडा का प्रजनन किया जो दो साल तक जीवित रहा।’’
ली ने सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ को बताया कि तकनीकी और वैज्ञानिक प्रगति के साथ अब कृत्रिम प्रजनन दर और पांडा शावक के जीवित रहने की दर में उल्लेखनीय सुधार देखा जा रहा है और पांडा के जीवित रहने की औसत अवधि में भी वृद्धि हुई है।
आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि विशाल पांडा की आबादी 1980 के दशक में लगभग 1,100 थी जो बढ़कर लगभग 1,900 हो गई है।
‘द इंटरनेशन यूनियन फॉर कंजर्वेशन’ ने विशाल पांडा की आबादी बढ़ने के बाद इसे लुप्तप्राय से संवेदनशील श्रेणी में डाल दिया है।
भाषा
खारी मनीषा
मनीषा
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)