Pager explosion in Lebanon : पेजर विस्फोट को लेकर हुआ बड़ा खुलासा, मोसाद ने ताइवान से किया सारा खेल, महीनों पहले की गई थी प्लानिंग

कई महीने पहले से बन रही थी प्लानिंग, मोसाद ने हिजबुल्लाह के लड़ाकों को ऐसे बनाया निशाना, Full story of pager explosion in Lebanon

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  • Publish Date - September 18, 2024 / 09:29 AM IST,
    Updated On - September 18, 2024 / 10:18 AM IST

नई दिल्लीः Pager explosion in Lebanon लेबनान में पेजर विस्फोट के कारण अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। 4000 हजार से ज्यादा लोग जख्मी हो गए। इस घटना के बाद से अंतरराष्ट्रीय माहौल गरमा गया है। इस हमले के तार इजरायल से जोड़े जा रहे हैं। हालांकि, इजरायल की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। इसी बीच खबरें ये भी हैं कि इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने 5 हजार पेजरों में छोटे विस्फोटक शामिल कर दिए थे।

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क्या ऐसे दिया गया विस्फोटों को अंजाम?

Pager explosion in Lebanon मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लेबनान के अधिकारियों का मानना है कि कई महीनों से इस हमले की तैयारी चल रही थी। हिजबुल्ला ने ताइवान की कंपनी गोल्ड अपोलो को करीब पांच हजार पेजर्स का ऑर्डर दिया था। जो बीते दिनों ही लेबनान पहुंचे थे। ट्रैक किए जाने के डर से हिजबुल्ला के लड़ाके पुराने जमाने के पेजर्स इस्तेमाल कर रहे थे। लेबनान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि जब पेजर्स का निर्माण किया जा रहा था, उसी वक्त इस्राइल ने इन पेजर्स में बदलाव कर दिए थे। अधिकारी के अनुसार, मोसाद ने पेजर्स के अंदर एक बोर्ड लगाया था, जिसे पर विस्फोटक पदार्थ लगा था। जैसे ही इस बोर्ड के जरिए पेजर को कोड मिला, तो इन पेजर्स में विस्फोट हो गया। खास बात ये है कि पेजर्स में लगा बोर्ड इस तरह का था कि उसे स्कैनर में पकड़ पाना बेहद मुश्किल था।

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बैटरी में धमाके होने का भी किया जा रहा दावा

कुछ शुरुआती रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि पेजर में लगी लीथियम की बैट्री में धमाके हुए हैं। दरअसल हिज्बुल्ला के जिन नए पेजर्स का इस्तेमाल कर रहे थे, उनमें लिथियम बैटरियों का इस्तेमाल होता है। इन्हीं बैट्रियों के फटने के चलते संगठन के हजारों सदस्य घायल हो गए। लिथियम बैट्री जब ओवरहीट कर जाती हैं तब इनसे धुआं निकलता है या ये गल जाती हैं। कई बार इनमें अचानक धमाके के साथ आग भी लग जाती है। रिचार्ज की जा सकने वाली लिथियम बैट्रियां मोबाइल फोन से लेकर लैपटॉप और इलेक्ट्रिक कारों में भी इस्तेमाल की जाती हैं। यह 590 डिग्री सेल्सियस (1100 डिग्री फारहेनहाइट) पर आग पकड़ सकती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हिजबुल्ला के पेजर्स को हैक किा गया और इन्हीं में धमाके किए गए। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, पेजर के सर्वर में सेंध लगाई गई और इसमें एक ऐसे कोड डाले गए, जिससे पेजर में प्रोग्राम ओवरलोडिंग हुई। इससे डिवाइस में ओवरहीटिंग की समस्या पैदा हो गई और इसमें लगी लिथियम बैट्री में विस्फोट हो गया।

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लड़ाकों को पेजर के इस्तेमाल न करने की सलाह

वहीं हादसे के बाद हिज्बुल्लाह ने अपने लड़ाकों को पेजर के इस्तेमाल न करने को कहा है। हिज्बुल्लाह ने कहा कि इन पेजर्स को फौरन फेंक दिया जाए। धमाके के बाद लोगों के जहन में तमाम सवाल उठ रहे हैं कि वाकई क्या साइबर हमले से पेजर में ब्लास्ट हो सकता है, क्या पेजर का रिमोट विस्फोट मुमकिन है? या क्या इजराइल की खूफिया एजेंसी मोसाद ने डिवाइस बनाने वाली कंपनियों के साथ कोई डील की थी जिससे इस घटना को अंजाम दिया गया।

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