ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ‘परिवर्तनकारी’ मोदी की ‘अलौकिक ऊर्जा’ की प्रशंसा की

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ‘परिवर्तनकारी’ मोदी की ‘अलौकिक ऊर्जा’ की प्रशंसा की

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  • Publish Date - October 12, 2024 / 05:44 PM IST,
    Updated On - October 12, 2024 / 05:44 PM IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, 12 अक्टूबर (भाषा) ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एक नए संस्मरण में “बदलाव के वाहक” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा की है। इस संस्मरण में उन्होंने अपने उतार-चढ़ाव से भरे राजनीतिक जीवन का उल्लेख करते हुए याद किया कि कैसे भारतीय नेता के साथ पहली मुलाकात में उन्हें एक “आलौकिक ऊर्जा” महसूस हुई थी।

ब्रिटेन में इस सप्ताह बुक स्टोर पर बिक्री के लिये उपलब्ध ‘अन्लीश्ड’, में एक पूरा अध्याय भारत के साथ ब्रिटेन के संबंधों पर केंद्रित है, “यह संबंध अब तक के सबसे अच्छे संबंधों में से एक है”।

हिंद-प्रशांत के संदर्भ में भारत-ब्रिटेन की मजबूत मित्रता पर बार-बार जोर देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने भारत के साथ “उचित मुक्त-व्यापार समझौते” की दिशा तय करने का श्रेय खुद को दिया है, क्योंकि उन्हें मोदी के रूप में “बिल्कुल सही साझेदार और मित्र” मिल गया है।

जॉनसन ने ‘ब्रिटेन और भारत’ नामक अध्याय में मोदी के साथ अपनी पहली मुलाकात का जिक्र किया है जब वे लंदन के मेयर थे, तब उन्होंने (मोदी ने) टेम्स नदी के किनारे सिटी हॉल स्थित अपने कार्यालय का दौरा किया था। उन्होंने कहा, “किसी कारणवश, हम लोग टावर ब्रिज के पास वाले प्लाजा में अंधेरे में उनके समर्थकों की भीड़ के सामने खड़े हो गए।”

उन्होंने लिखा, “उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर उठाया और हिंदी में कुछ कहा, और हालांकि मैं इसे समझ नहीं पाया, लेकिन मैंने उनकी अनोखी आलौकिक ऊर्जा को महसूस किया। तब से मैं उनकी संगति का आनंद ले रहा हूं – क्योंकि मुझे लगता है कि वह हमारे संबंधों के लिए बदलाव लाने वाले व्यक्ति हैं। मोदी के साथ, मुझे यकीन था कि हम न केवल एक बेहतरीन मुक्त व्यापार समझौता कर सकते हैं, बल्कि दोस्तों और बराबरी के तौर पर एक दीर्घकालिक साझेदारी भी बना सकते हैं।”

जॉनसन (60) ने खुलासा किया कि कैसे ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने 2012 में भारत के मेयरल व्यापार प्रतिनिधिमंडल के दौरान उन्हें हिंदू राष्ट्रवादी नेता से मिलने से मना किया था, लेकिन यह समस्या जल्द ही दूर हो गई और दोनों देशों के बीच संबंधों का मार्ग प्रशस्त हुआ जो अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है।

राजनीतिज्ञ-लेखक संस्मरण में इस बात पर जोर देते हैं कि उन्हें भारत से कितना प्यार है, वे कई भारतीय शादियों (में शामिल होने) के “अनुभवी” हैं, क्योंकि सिख विरासत वाली उनकी पूर्व पत्नी मरीना व्हीलर के बच्चों की जड़ें इस देश में हैं।

भाषा प्रशांत पवनेश

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