जोहानिसबर्ग, 13 सितंबर (भाषा) भारतीय मूल के दक्षिण अफ्रीकी नेता और रंगभेद-विरोधी कार्यकर्ता प्रवीण गोरधन का शुक्रवार को यहां एक अस्पताल में निधन हो गया। गोरधन (75) कैंसर से पीड़ित थे। उनके परिवार ने यह जानकारी दी।
दक्षिण अफ्रीका 1994 में जब लोकतंत्र की ओर अग्रसर था, गोरधन तब से राजनीति में थे।
उन्होंने अपने परिवार के साथ ज्यादा समय व्यतीत करने के लिए चार महीने पहले ही सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की थी।
उनके परिवार ने एक बयान में कहा कि पूर्व कैबिनेट मंत्री का शुक्रवार को अस्पताल में कैंसर से लड़ते हुए निधन हो गया।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने लंबे समय से ‘अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस’ के सदस्य रहे गोरधन की सराहना करते हुए उन्हें एक उत्कृष्ट राजनीतिज्ञ और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का एक प्रणेता बताया।
तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने 2010 में गोरधन को प्रवासी भारतीय पुरस्कार से सम्मानित किया था, जो विदेशों में रहने वाले भारतीयों के लिए ‘भारत का सर्वोच्च सम्मान’ है।
गोरधन उस ‘संक्रमणकालीन कार्यकारी परिषद’ के सह-अध्यक्ष थे, जिसका गठन रंगभेद नीति के खिलाफ संघर्ष के लिए जेल में बंद नेल्सन मंडेला की रिहाई के बाद किया गया था। इसके परिणामस्वरूप 1994 में मंडेला देश के पहले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति बने थे।
गोरधन ने 2009 से 2014 तक और फिर 2015 से 2017 तक वित्त मंत्री के रूप में दो कार्यकाल पूरे किए। उन्होंने 2014 से 2015 तक सहकारी शासन और पारंपरिक मामलों के मंत्री के रूप में भी कार्य किया। उनका अंतिम पद सार्वजनिक उद्यम मंत्री के रूप में था।
भाषा यासिर सुरेश
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