ढाका। बांग्लादेश में सेना के एक पूर्व कैप्टन को फांसी दे दी गई है। सेना के पूर्व कैप्टन अब्दुल मजीद 1975 के तख्तापलट में शामिल थे, इसी तख्तापलट में बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या कर दी गई थी। अब्दुल मजीद को शनिवार रात स्थानीय समयानुसार 12 बजकर एक मिनट पर केरानीगंज में ढाका सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई है।
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जेलर ने बताया कि अब्दुल मजीद को फांसी देकर मौत की नींद सुला दिया गया। लगभग 25 साल तक भारत में छिपे रहने के बाद उसे मंगलवार को ढाका से गिरफ्तार किया गया था। शुक्रवार को मजीद की पत्नी और चार अन्य संबंधियों ने जेल में उससे दो घंटे मुलाकात की थी। इससे पहले बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने मंगलवार को उसकी दया याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसे फांसी देने का रास्ता साफ हो गया था।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब्दुल ने बांग्लादेश पुलिस को पूछताछ में बताया था कि वह कोलकाता में पिछले 23 सालों से छिपकर रह रहा था। माजिद ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि उसने बंगबंधु रहमान की हत्या की है। माजिद, रहमान की हत्या में शामिल रहे उन दर्जनों लोगों में से एक है जिनकी फांसी की सजा को 2009 में सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था।
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पीएम शेख हसीना, रहमान की बेटी हैं। हसीना इस घटना में बच गई थीं क्योंकि उस वक्त वह अपनी बहन के साथ जर्मनी के दौरे पर थीं। उस घटना में रहमान के परिवार में सिर्फ यही दो बहनें जिंदा बच पाई थीं। बताया जाता है कि उनकी बाद की सरकारों ने रहमान के हत्यारों को कूटनीतिक मिशन पर विदेश भेज दिया था।