विदेश सचिव मिसरी बीजिंग यात्रा पर, चीन के अधिकारियों से वार्ता करेंगे

विदेश सचिव मिसरी बीजिंग यात्रा पर, चीन के अधिकारियों से वार्ता करेंगे

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  • Publish Date - January 26, 2025 / 10:13 PM IST,
    Updated On - January 26, 2025 / 10:13 PM IST

बीजिंग, 26 जनवरी (भाषा) विदेश सचिव विक्रम मिसरी रविवार को दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे जिस दौरान वह चीनी अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे।

डेढ़ महीने से भी कम समय में भारत की ओर से चीन की यह दूसरी उच्चस्तरीय यात्रा है।

चीन में भारत के राजदूत रह चुके मिसरी की यह यात्रा गणतंत्र दिवस पर और चीन के वसंतोत्सव तथा चीनी नववर्ष के जश्न से पहले हो रही है।

यह उत्सव 29 जनवरी से शुरू होगा, जिस दौरान देश में आधिकारिक तौर पर एक सप्ताह के लिए अवकाश रहेगा।

विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि विदेश सचिव मिसरी 26 और 27 जनवरी को ‘‘भारत और चीन के बीच विदेश सचिव-उप मंत्री तंत्र की बैठक के लिए’’ बीजिंग का दौरा करेंगे।

मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘‘इस द्विपक्षीय तंत्र की बहाली भारत-चीन संबंधों के लिए अगले कदमों पर चर्चा करने के लिहाज से नेतृत्व स्तर पर हुए समझौते से प्रेरित है, जिसमें राजनीतिक, आर्थिक और लोगों के बीच आपसी संपर्क शामिल हैं।’’

शुक्रवार को चीन ने मिसरी की यात्रा का स्वागत किया और इसके परिणाम के बारे में सकारात्मक रुख प्रदर्शित करते हुए कहा कि यह घटनाक्रम लद्दाख में सैन्य गतिरोध पर चार साल से अधिक समय से अटके हुए संबंधों के बाद दोनों देशों के शीर्ष नेताओं और अधिकारियों के बीच कई बातचीत के बाद हुआ है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘हम चीन और भारत के बीच विदेश सचिव-उप मंत्री तंत्र की बैठक के लिए विदेश सचिव श्री विक्रम मिसरी की चीन यात्रा का स्वागत करते हैं।’’

माओ ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने और बढ़ाने पर महत्वपूर्ण आम सहमति बनाई थी।

उन्होंने कहा कि हाल में दोनों पक्षों ने इन आम समझ को ईमानदारी से लागू करने के लिए काम किया है। चीन और भारत के विदेश और रक्षा मंत्रियों ने कई अवसरों पर एक-दूसरे से मुलाकात की।

इसके बाद पिछले महीने सीमा मुद्दे पर चीन और भारत के विशेष प्रतिनिधियों (एसआर) के बीच 23वीं बैठक हुई।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और उनके चीनी समकक्ष तथा विदेश मंत्री वांग यी ने पांच साल के अंतराल के बाद दिसंबर में तंत्र की 23वीं बैठक की। बैठक सकारात्मक परिणामों के साथ संपन्न हुई।

माओ ने कहा कि वार्ता के दौरान, दोनों पक्षों ने बातचीत को बेहतर बनाने और मजबूत करने तथा संस्थागत संवादों को फिर से शुरू करने के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग पर सहमति व्यक्त की, जिसमें जल्द से जल्द चीन-भारत संबंधों को मजबूत और स्थिर विकास के साथ पटरी पर लाना शामिल है।

डोभाल की यात्रा के बाद, मिसरी लगभग एक महीने में बीजिंग की यात्रा करने वाले दूसरे उच्च-स्तरीय भारतीय अधिकारी हैं।

उम्मीद है कि दोनों पक्ष वार्ता में कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जिसमें पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर टकराव को कम करने के तरीके और कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करना शामिल है।

चीन दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने और चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने की सुविधा देने का प्रस्ताव कर रहा है।

एसआर तंत्र और ऐसे अन्य संवाद प्रारूपों को पुनर्जीवित करने का निर्णय प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी के बीच कजान में बैठक के दौरान लिया गया था।

मोदी-शी की यह मुलाकात भारत और चीन द्वारा पूर्वी लद्दाख में अंतिम दो टकराव बिंदुओं, देपसांग और डेमचोक से सैनिकों की वापसी के समझौते को अंतिम रूप दिए जाने के दो दिन बाद हुई।

एसआर वार्ता में, भारत ने दोनों देशों के बीच समग्र सीमा विवाद के निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान के लिए दबाव डाला।

डोभाल और वांग ने सीमा पार सहयोग के लिए एक ‘सकारात्मक’ दिशा पर भी ध्यान केंद्रित किया, जिसमें कैलाश मानसरोवर यात्रा, नदी डेटा साझाकरण और सीमा व्यापार को फिर से शुरू करना शामिल है।

भारत ने कहा है कि जब तक सीमा क्षेत्रों में शांति नहीं होगी, चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते।

डेमचोक और देपसांग से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भारतीय और चीनी सेनाओं ने लगभग साढ़े चार साल के अंतराल के बाद दोनों क्षेत्रों में गश्त गतिविधियां भी फिर से शुरू कर दीं।

भाषा वैभव नरेश

नरेश