श्रीलंका के राष्ट्रपति और तमिल नेशनल अलायंस के बीच होने वाली पहली बैठक टली

श्रीलंका के राष्ट्रपति और तमिल नेशनल अलायंस के बीच होने वाली पहली बैठक टली

श्रीलंका के राष्ट्रपति और तमिल नेशनल अलायंस के बीच होने वाली पहली बैठक टली
Modified Date: November 29, 2022 / 08:28 pm IST
Published Date: June 16, 2021 7:16 am IST

कोलंबो, 16 जून (भाषा) श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और देश की मुख्य तमिल पार्टी टीएनए के प्रतिनिधिमंडल के बीच बुधवार को होने वाली पहली बैठक बिना कोई कारण बताए स्थगित कर दी गई है। इस बैठक में संविधान सुधार प्रक्रिया के बारे में चर्चा होनी थी।

तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) के सांसद एम ए सुमनतिरन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमें सूचित किया गया कि आज होने वाली बैठक स्थगित कर दी गई है। अभी तक हमें कोई नई तारीख नहीं बताई गई है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि बैठक को स्थगित करने का कोई कारण उन्हें नहीं बताया गया।

टीएनए को उम्मीद है कि बैठक जल्द होगी और मुख्य तमिल दल तथा राष्ट्रपति के बीच संवाद का रास्ता इससे खुलेगा। सुमनतिरन के अनुसार उन्होंने पूछा था कि क्या राष्ट्रपति उनसे मिलना चाह रहे हैं और राजपक्षे द्वारा दिसंबर 2020 में नियुक्त विशेषज्ञ समिति को भेजे गए टीएनए के पत्र पर चर्चा करना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजपक्षे ने जवाब में संकेत दिया कि वह टीएनए के प्रतिनिधिमंडल से मिलेंगे।

 ⁠

राजपक्षे ने स्पष्ट रूप से घोषणा की थी कि उन्हें सिंहला बहुसंख्यकों ने चुना है लेकिन वह अल्पसंख्यकों की चिंताओं पर भी ध्यान देंगे। उन्होंने कहा था कि अल्पसंख्यकों ने नवंबर 2019 में उनके राष्ट्रपति चुनाव का हिस्सा बनने से मना कर दिया था।

टीएनए चाहती है कि तमिल अल्पसंख्यकों की राजनीतिक चिंताओं पर ध्यान देने के लिए 13वें संशोधन को और सार्थक बनाया जाए। हालांकि राजपक्षे के सार्वजनिक बयानों में झलकता है कि वह प्रांतीय परिषदों की प्रणाली को समाप्त करना चाहते हैं जो भारत और श्रीलंका के बीच 1987 में हुए समझौते के माध्यम से श्रीलंकाई संविधान का हिस्सा बनी थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति जूनियस जयवर्धने के बीच यह समझौता हुआ था।

भारत हमेशा कहता रहा है कि वह चाहता है कि श्रीलंका सत्ता हस्तांतरण पर तमिलों की चिंताओं पर ध्यान देने के लिहाज से संशोधन 13ए का अनुसरण करे। इस संशोधन का उद्देश्य श्रीलंका में प्रांतीय परिषद बनाना और सिंहली तथा तमिल को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा देते हुए अंग्रेजी को संपर्क की भाषा बनाना है।

भाषा

मानसी शाहिद

शाहिद


लेखक के बारे में