वाशिंगटन, 31 जनवरी (भाषा) अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा एफबीआई प्रमुख के रूप में चुने गए काश पटेल ने सांसदों से कहा है कि बड़े होने के दौरान उन्हें नस्लवाद का सामना करना पड़ा था।
फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (एफबीआई) प्रमुख पद पर नियुक्ति की पुष्टि के लिए बृहस्पतिवार को सीनेट की न्यायपालिका संबंधी समिति के सदस्यों के समक्ष पेश हुए पटेल (44) से सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने पूछा कि क्या उन्होंने कभी व्यक्तिगत रूप से नस्लवाद का सामना किया है।
पटेल ने इसके जवाब में कहा, “दुर्भाग्य से, हां सीनेटर। मेरा परिवार यहां मेरे साथ है, इसलिए मैं उसका विवरण नहीं देना चाहता।”
अगर पटेल की नियुक्ति पर मुहर लग जाती है तो वह एफबीआई के पहले हिंदू और भारतीय-अमेरिकी निदेशक होंगे।
इस दौरान पटेल के माता-पिता समेत परिवार के सदस्य कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद भवन) में मौजूद थे।
पटेल ने कहा कि उनके पिता युगांडा में ईदी अमीन की तानाशाही से बचकर भागे थे, जहां 3,00,000 पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को उनकी जातीयता के आधार पर मार डाला गया था।
उन्होंने कहा, ‘मेरी मां मूल रूप से तंजानिया की हैं। उन्होंने भारत में पढ़ाई की, मेरे पिता ने भी वहीं पढ़ाई की और उनकी शादी भी वहीं हुई। वे बाद में न्यूयॉर्क चले आए, जहां मेरा जन्म हुआ और मैं पला-बढ़ा। परिवार में मेरे पिता के सात भाई-बहन भी रहते थे, जिनके पति/पत्नी और कम से कम दर्जन भर बच्चे थे।”
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