ईरान को संवेदनशील जानकारी उपलब्ध कराने के मामले में ब्रिटेन का पूर्व सैनिक दोषी साबित

ईरान को संवेदनशील जानकारी उपलब्ध कराने के मामले में ब्रिटेन का पूर्व सैनिक दोषी साबित

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  • Publish Date - November 28, 2024 / 08:10 PM IST,
    Updated On - November 28, 2024 / 08:10 PM IST

लंदन, 28 नवंबर (एपी) ब्रिटेन के एक पूर्व सैनिक को ईरान की खुफिया एजेंसी को संवेदनशील जानकारी उपलब्ध कराने के मामले में दोषी ठहराया गया है।

वूलविच क्राउन कोर्ट ने 23 वर्षीय डैनियल खलीफ को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के उल्लंघन का दोषी पाया।

खलीफ ने अपने बचाव में कहा कि वह ईरान की खुफिया सेवा के संपर्क में रहकर अपने देश ब्रिटेन के लिए काम करना चाहता था और उसके मन में यह विचार टीवी शो ‘होमलैंड’ देखने के बाद आया।

उसने जूरी के सदस्यों से कहा, ‘‘मैं अपनी पृष्ठभूमि का इस्तेमाल हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए करना चाहता था।’’

सितंबर 2023 में लंदन जेल से भागने और तीन दिन तक फरार रहने तक खलीफ के मामले पर लोगों का ज्यादा ध्यान नहीं गया था।

मुकदमे के दौरान खलीफ ने भागने का दोष स्वीकार किया, लेकिन जासूसी के आरोपों का विरोध करना जारी रखा।

खलीफ 16 साल की उम्र में सेना में शामिल हुआ था और उसकी तैनाती सेना की संचार इकाई ‘रॉयल कोर ऑफ सिग्नल्स’ में हुई थी।

उसने जासूस बनने की इच्छा प्रकट की थी, लेकिन उससे कहा गया था कि वह खुफिया सेवा में शामिल नहीं हो सकता क्योंकि उसकी माँ ईरान से है।

अभियोजकों के अनुसार, 17 साल की उम्र में वह ईरानी खुफिया विभाग से जुड़े एक व्यक्ति के पास पहुंचा और जानकारी देना शुरू कर दिया। जब उसने 2021 की शुरुआत में टेक्सास के फोर्ट कैवाजोस में एक संयुक्त अभ्यास में भाग लिया तो उसे नाटो की गुप्त सुरक्षा मंजूरी दी गई थी।

ब्रिटिश सुरक्षा अधिकारियों को खलीफ के ईरानियों के साथ संपर्कों के बारे में तब तक पता नहीं था जब तक कि उसने ‘डबल-एजेंट’ के रूप में काम करने की पेशकश करने के लिए ब्रिटेन की विदेशी खुफिया सेवा एमआई 6 से संपर्क नहीं किया था।

वह गुमनाम रूप से एमआई 6 तक पहुंचा और कहा कि उसने अपने ईरानी आकाओं का विश्वास अर्जित किया है तथा उन्होंने उसे उत्तरी लंदन के एक पार्क में एक बैग छोड़कर पुरस्कृत किया है जिसमें 2,000 अमेरिकी डॉलर नकद (1,578 पाउंड) थे।

खलीफ ने कहा कि उसने अपने ईरानी आकाओं को जो भी सामग्री उपलब्ध कराई थी, उसमें अधिकांश वह जानकारी थी जो उसने खुद तैयार की थी या वे दस्तावेज थे जो ऑनलाइन उपलब्ध थे। उसने कहा कि उसने ब्रिटेन का कोई भी सैन्य रहस्य ईरान के समक्ष उजागर नहीं किया।

एपी नेत्रपाल रंजन

रंजन