निर्वाचन आयोग आठ फरवरी के आम चुनावों में अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहा : पाक न्यायालय

निर्वाचन आयोग आठ फरवरी के आम चुनावों में अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहा : पाक न्यायालय

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  • Publish Date - September 23, 2024 / 09:16 PM IST,
    Updated On - September 23, 2024 / 09:16 PM IST

(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, 23 सितंबर (भाषा) पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने सोमवार को आरक्षित सीट के मामले में 12 जुलाई के आदेश पर अपना विस्तृत फैसला जारी किया और कहा कि देश का निर्वाचन आयोग आठ फरवरी के आम चुनावों में कानून के अनुसार अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहा।

न्यायालय ने बहुमत के आदेश में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित 20 से अधिक सीट के लिए पात्र घोषित किया गया था, जो पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए एक बड़ा झटका था।

न्यायमूर्ति मंसूर अली शाह ने 70 पन्नों का फैसला लिखा। सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) की याचिका पर संक्षिप्त फैसला जारी होने के दो महीने से पीठ ने वृहद फैसला सुनाया है। एसआईसी ने आरक्षित सीट के लिए अपनी पात्रता के खिलाफ फैसलों को चुनौती दी थी।

खान की पार्टी द्वारा समर्थित कई उम्मीदवार आठ फरवरी के चुनाव के लिए अपने चुनाव चिह्न से वंचित होने के बाद स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े और विजय हासिल की थी। उसके बाद वे सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल में शामिल हो गए थे।

यह संगठन पाकिस्तान में इस्लामी राजनीतिक और बरेलवी धार्मिक दलों का एक राजनीतिक गठबंधन है, ताकि सुविधा के अनुरूप गठबंधन बनाया जा सके।

एसआईसी ने पेशावर उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें पाकिस्तान निर्वाचन आयोग द्वारा आरक्षित सीट में हिस्सेदारी न देने के निर्णय को बरकरार रखा गया था।

प्रधान न्यायाधीश काजी फैज ईसा की अगुवाई वाली पूर्ण पीठ ने 8:5 का बहुमत का फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति याह्या अफरीदी, न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन खान, न्यायमूर्ति जमाल खान मंडोखैल और न्यायमूर्ति नईम अख्तर अफगान ने आनुपातिक प्रतिनिधित्व के महत्व पर जोर देते हुए फैसले से असहमति जताई।

विस्तृत फैसले में, न्यायमूर्ति शाह ने आरक्षित सीट के लिए एसआईसी की अर्जी खारिज करने के निर्वाचन आयोग के शुरुआती फैसले को खारिज कर दिया, साथ ही उन्होंने पेशावर उच्च न्यायालय के उस फैसले को भी रद्द कर दिया, जिसमें आयोग के फैसले को बरकरार रखा गया था।

न्यायमूर्ति शाह अगले महीने के अंत में प्रधान न्यायाधीश बनने वाले हैं।

विस्तृत फ़ैसले के अनुसार, ‘‘दुर्भाग्य से, मौजूदा मामले की परिस्थितियां दर्शाती हैं कि आयोग 2024 के आम चुनावों में अपनी भूमिका निभाने में विफल रहा है।’’

शीर्ष अदालत ने चुनाव लड़ने और अपने उम्मीदवारों को नामांकित करने के लिए पीटीआई को पार्टी के रूप में मान्यता न देने के लिए निर्वाचन आयोग की भी आलोचना की।

फैसले ने पुष्टि की कि खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) एक संसदीय पार्टी है और इसलिए संसद में महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीट की पात्र है।

भाषा सुरेश रंजन

रंजन