अमेरिकाः माइकल दि नास्त्रेदमस एक ऐसा नाम जो अपनी 465 साल पुरानी भविष्यवाणियों के लिए जाने जाते हैं। माना जाता है कि आज तक नास्त्रेदमस की 70 प्रतिशत भविष्यवाणियां सफल हुई है। नास्त्रेदमस ने सदियों पहले लेस प्रोफेटीस नाम की एक किताब में दुनिया को लेकर कई भविष्यवाणियां की थीं, जिसमें उन्होंने 6338 भविष्यवाणियां की है। इस किताब का पहला संस्करण 1555 में आया था। उनकी भविष्यवाणियां छंदों में परिभाषित हैं, जिसे क्वाट्रेन कहा जाता है।
आज दुनिया की आधे से अधिक आबादी कोरोना महामारी से जूझ रही है, लेकिन क्या आपको पता है कि महामारी की भविष्यवाणी भी नास्त्रेदमस ने अपनी किताब में 465 साल पहले कर दी थी। कोरोना वायरस की महामारी को भी नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों से जोड़कर देखा जाता है। इसके अलावा कई ऐतिहासिक घटनाएं भी उनकी सच्ची भविष्यवाणियों का सबूत बन चुकी हैं। आइए जानते हैं साल 2021 नास्त्रेदमस ने कैसी भविष्यवाणी की हैं।
जॉम्बी को लेकर नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी
बताया जाता है कि नास्त्रेदमस ने अपनी किताब में इस बात का उल्लेख किया है कि एक रशियन वैज्ञानिक ऐसा जैविक हथियार और वायरस विकसीत करेगा, जो मानव जाति को जॉम्बी बना देगा। जॉम्बी बनने के साथ ही मानव जाति का सर्वनास हो जाएगा।
आकाल और भूखमरी की भी भविष्यवाणी
नास्त्रेदमस ने कहा था कि अकाल, भूकंप, तरह-तरह की बीमारियां और महामारी दुनिया के अंत के पहले संकेत होंगे. जैसा कि इस दौर में हो भी रहा है। साल 2020 में कोरोना वायरस की महामारी इसकी शुरुआत मानी जा सकती है, जिसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया। ये एक ऐसा अकाल होगा, जिसका सामना दुनिया ने पहले कभी नहीं किया। दुनिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा इस तबाही से उबर नहीं पाएगा।
पृथ्वी के क्षतिग्रस्त का कारण बनेगी सूर्य की तबाही
बताया जाता है कि नास्त्रेदमस की किताब में ऐसी भविष्यवाणी की है, जो साल 2021 के हिसाब से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भविष्यवाणी के अनुसार सूर्य की तबाही पृथ्वी के क्षतिग्रस्त का कारण बनेगी। उनकी भविष्यवाणी के अनुसार पृथ्वी, समुद्र में समा जाएगा, ऐसी स्थिति युद्ध और लोगों में टकराव के कारण पैदा होगी। रिसोर्स के लिए दुनिया के कई देश एक दूसरे के दुश्मन बन जाएंगे और आपस में भिड़ जाएंगे।
Read More: उत्तर भारत में शीत लहर के साथ पड़ रही कड़ाके की ठंड, कई क्षेत्रों में छाया घना कोहरा
पृथ्वी से टकराएगा धूमकेतु
नास्त्रेदमस ने एक क्वाट्रेन में पृथ्वी से धूमकेतु टकराने की बात भी कही है, जो भूकंप और कई तरह की प्राकृतिक आपदाओं का कारण बनेगा। पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करने के बाद ये एस्टेरॉयड उबलना शुरू कर देगा। आकाश में ये नजारा ग्रेट फायर जैसा होगा।
गौरतलब है कि नासा के वैज्ञानिकों ने पहले ही ये संभावना जताई है कि एक बड़े धूमकेतु के पृथ्वी से टकराने की संभावना है। इस संबंध में गंभीरता से लेने की जरूरत है। नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि एफ1 नाम के धूमकेतु का पृथ्वी से 6 मई 2021 को पृथ्वी से टकराने का खतरा है। दोनों के बीच की टक्कर इतनी खतरनाक होगी, जिसका अंदाजा लगा पाना ही दिल दहला देने वाला है। इस एस्टेरॉयड की ताकत 1945 में हिरोशिम पर अमेरिका द्वारा गिराए गए परमाणु बस से करीब 15 गुना ज्यादा होगी।
Read More: वर्ष 2020: बॉलीवुड की चमक रही फीकी, विवादों के साये में गुजरा साल