चीन की ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल को ‘संकीर्ण राजनीतिक चश्मे’ से न देखें: पाकिस्तान ने एससीओ में कहा

चीन की ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल को ‘संकीर्ण राजनीतिक चश्मे’ से न देखें: पाकिस्तान ने एससीओ में कहा

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  • Publish Date - October 16, 2024 / 05:29 PM IST,
    Updated On - October 16, 2024 / 05:29 PM IST

(तस्वीरों के साथ जारी)

इस्लामाबाद, 16 अक्टूबर (भाषा) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को यहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में बीजिंग की ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल की वकालत की और इसका समर्थन करने की भारत की अनिच्छा के स्पष्ट संदर्भ में कहा कि ऐसी संपर्क परियोजनाओं को ‘‘संकीर्ण राजनीतिक चश्मे’’ से नहीं देखा जाना चाहिए।

शरीफ ने शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन को सबसे पहले संबोधित करते हुए कहा कि चीन की ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे जैसे प्रयासों का विस्तार किया जाना चाहिए।

भारत ने चीन की ‘‘एकतरफा’’ पहल के प्रति खास उत्साह नहीं दिखाया है। उसने चीन-पाकिस्तान गलियारे की कई बार आलोचना करते हुए कहा है कि यह उसकी क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है क्योंकि इसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में बुनियादी ढांचे का निर्माण शामिल है।

शरीफ ने भारत के रुख को परोक्ष चुनौती देते हुए कहा, ‘‘हमें ऐसी परियोजनाओं को संकीर्ण राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए, बल्कि अपनी सामूहिक संपर्क क्षमताओं में निवेश करना चाहिए जो आर्थिक रूप से एकीकृत क्षेत्र के साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।’’

इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि व्यापार और संपर्क पहलों में क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को मान्यता दी जानी चाहिए और भरोसे की कमी पर ‘‘ईमानदारी से बातचीत’’ करना आवश्यक है।

एससीओ में चीन, भारत, रूस, पाकिस्तान, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और बेलारूस शामिल हैं। इनके अलावा 16 और देश पर्यवेक्षक या ‘‘वार्ता भागीदार’’ के रूप में संबद्ध हैं।

पाकिस्तानी नेता ने अपने समापन भाषण में गाजा में इजराइली हमलों की निंदा की।

शरीफ ने कहा, ‘‘हम गाजा में जारी नरसंहार को नजरअंदाज नहीं कर सकते। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी है कि वह तत्काल और बिना शर्त युद्ध विराम सुनिश्चित करे, जिससे 1967 से पूर्व की सीमाओं के आधार पर फलस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो सके और अल-कुद्स को राजधानी बनाया जाए।’’

उन्होंने बुधवार को एससीओ के सदस्य देशों से विभिन्न क्षेत्रीय चुनौतियों से निपटने और निकट सहयोग स्थापित करने के लिए संगठन के ढांचे को मजबूत करने का आग्रह किया।

शरीफ ने एससीओ के सदस्य देशों के शासन प्रमुखों की परिषद (सीएचजी) की 23वीं बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘बहुपक्षवाद के प्रतीक शंघाई सहयोग संगठन के प्रतिष्ठित मंच पर मैं इस विश्वास के साथ खड़ा हूं कि हमारे पास, हमारे लोगों के लिए, ऐसा अधिक समृद्ध और सुरक्षित भविष्य बनाने की न केवल क्षमता है, बल्कि इच्छा भी है जो समावेशी हो और सभी सदस्य देशों की साझा आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करती हो।’’

प्रधानमंत्री शहबाज ने कहा, ‘‘हम परिवर्तन के एक ऐसे ऐतिहासिक क्षण में हैं, जब बड़े पैमाने पर हो रहे बदलाव वैश्विक, सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा परिदृश्य को नया आकार दे रहे हैं।’’

उन्होंने क्षेत्रीय शांति, स्थिरता, बेहतर संपर्क और सतत सामाजिक-आर्थिक विकास के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता दोहराई ।

उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि एससीओ ‘‘वैश्विक आबादी के 40 प्रतिशत से अधिक की सामूहिक आवाज और इच्छाओं का प्रतीक है।’’

शरीफ ने कहा, ‘‘आज यहां आपकी उपस्थिति एससीओ क्षेत्र के सतत विकास और समृद्धि के मकसद से सामूहिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग बढ़ाने के लिए हमारे लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने की हमारी साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।’’

उन्होंने शिखर सम्मेलन को एससीओ के विविध देशों के बीच संबंधों और सहयोग की मजबूती का एक और प्रमाण बताया।

प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा, ‘‘हमारे पास मिलकर सामाजिक-आर्थिक प्रगति को गति देने, क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ाने तथा अपने नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने की क्षमता है।’’

प्रधानमंत्री शहबाज ने नेताओं से एससीओ बैठक का उपयोग ‘‘विचारों का आदान-प्रदान करने, सर्वोत्तम व्यवस्थाओं को साझा करने और ठोस कार्ययोजना बनाने के लिए करने का आह्वान किया, ताकि हमारी अर्थव्यवस्थाओं और समाजों को लाभ हो सके।’’ उन्होंने ‘‘हमारे गहन विचार-विमर्श से अद्भुत परिणाम सामने आने’’ की उम्मीद जताई।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा सहयोग शैक्षणिक और पर्यटन के क्षेत्र में संबंधों का विस्तार करता है और एससीओ क्षेत्र में गरीबी उन्मूलन, महिलाओं और युवाओं का सशक्तीकरण एकता के माध्यम से समृद्धि को बढ़ावा देने के हमारे दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।’’

उन्होंने पाकिस्तान की अध्यक्षता के दौरान मिली सफलताओं का जिक्र किया तथा व्यापार एवं अर्थव्यवस्था में सहयोग के माध्यम से ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान व्यापार और पारगमन के अवसर प्रदान करता है।

शहबाज शरीफ ने कहा, ‘‘इन अवसरों का पूरी तरह से लाभ उठाने के लिए एक स्थिर अफगानिस्तान आवश्यक है।’’

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान को मानवीय सहायता प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने अंतरिम अफगान सरकार से भी यह सुनिश्चित करने की अपील की कि उसके क्षेत्र का उपयोग उसके पड़ोसियों के खिलाफ आतंकवाद के लिए नहीं किया जाए।

उन्होंने गरीबी उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘गरीबी केवल एक सामाजिक मुद्दा नहीं है, बल्कि एक नैतिक अनिवार्यता है।’’

उन्होंने जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन अस्तित्व के लिए संकट पैदा करता है और यह संकट हमारी सीमाओं से परे है और इसका प्रभाव सार्वभौमिक रूप से महसूस किया जाता है।’’

प्रधानमंत्री शहबाज ने द्विपक्षीय मुद्दों, विशेषकर भारत संबंधी मुद्दों पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से बात करने से परहेज किया।

इससे पहले, शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले सदस्य देशों ने इसके एजेंडे को सर्वसम्मति से अपनाया।

पाकिस्तान, कजाकिस्तान में 2017 में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन में इसका पूर्ण सदस्य बना था।

भाषा सिम्मी नरेश

नरेश