(उज्मी अतहर)
बाकू, 12 नवंबर (भाषा) संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने मंगलवार को विश्व नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि सीओपी29 में जलवायु वित्त की अड़चनें दूर हों, तथा चेतावनी दी कि “विकासशील देशों को बाकू से खाली हाथ नहीं लौटना चाहिए”।
यहां सीओपी29 में विश्व नेताओं के जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए गुतारेस ने विकासशील देशों को सहायता देने के लिए तत्काल उपाय करने की मांग की, जो वैश्विक उत्सर्जन में अपेक्षाकृत कम हिस्सेदारी होने के बावजूद जलवायु-जनित आपदाओं का खामियाजा भुगत रहे हैं।
गुतारेस ने कहा, “समस्या अमीर लोगों द्वारा पैदा की जाती है, तथा गरीब लोग इसकी सबसे अधिक कीमत चुकाते हैं।” उन्होंने कहा कि विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन के कारण खाद्य असुरक्षा, बुनियादी ढांचे की क्षति तथा जैव विविधता की हानि जैसे असंगत प्रभावों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा, “विकासशील देशों को बाकू से खाली हाथ नहीं लौटना चाहिए। समझौता होना जरूरी है और मुझे पूरा भरोसा है कि यह हो जाएगा।”
वर्ष 2024 के रिकॉर्ड पर सबसे गर्म होने की आशंका के साथ, उन्होंने जलवायु परिवर्तन को विनाश, समुदायों को तबाह करने और वैश्विक खाद्य और ऊर्जा की कीमतों को बढ़ाने वाला “मास्टरक्लास” बताया।
अपने संबोधन में गुतारेस ने जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक तीन प्राथमिकताओं को रेखांकित किया, विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने में विकसित देशों की भूमिका पर बल दिया कि विकासशील देशों के पास स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने और उसमें परिवर्तित होने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध हों।
उन्होंने विकसित देशों से आह्वान किया कि वे उभरती अर्थव्यवस्थाओं को जलवायु कार्रवाई के लिए प्रौद्योगिकी और वित्तीय सहायता प्रदान करके उत्सर्जन में कमी लाने में अग्रणी भूमिका निभाएं।
भाषा प्रशांत अमित
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