ओमिक्रॉन को कम खतरनाक बताना बड़ा खतरा, नए वैरिएंट से हो रहीं मौते, WHO ने फिर चेताया

ओमिकॉन को कम खतरनाक बताना बड़ा खतरा, नए वैरिएंट से हो रहीं मौते, who ने फिर चेताया

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  • Publish Date - January 8, 2022 / 01:17 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:58 PM IST

नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार को आगाह किया कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को हल्के में नहीं लेना चाहिए। संगठन के महानिदेशक टेड्रॉस अदनाम गैब्रेयसस ने कहा, इसके संक्रमितों की अस्पतालों में मौत भी हो रही है। संक्रमण की तेजी सभी पुराने रिकॉर्ड घ्वस्त कर रही है। इस हालात में ओमिक्रॉन को कम खतरनाक बताना ही सबसे बड़ा खतरा बन गया है।

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गैब्रेयसस ने कहा, डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन को कम खतरनाक बताया जा रहा है, खासतौर पर टीका लगवा चुके लोगों के लिए। जबकि, इसे हल्के वैरिएंट के तौर पर वर्गीकृत नहीं किया गया है, बल्कि यह वैरिएंट ऑफ कन्सर्न है, जो डेल्टा की तरह ही लोगों को बीमार कर रहा है व लोग मर रहे हैं। संक्रमण की सुनामी से पूरी दुनिया में स्वास्थ्य ढांचा चरमरा रहा है।

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बीते एक सप्ताह में ही डब्ल्यूएचओ ने संक्रमण के 95 लाख नए मामले दर्ज किए हैं, जो इससे पहले बीते सप्ताह से करीब 71 फीसदी ज्यादा हैं। यह आंकड़े सिर्फ शुरुआती हैं, क्योंकि बहुत से जगहों से जांच के नतीजे मिलने में भी देरी हो रही है। मोटे तौर पर बीते एक सप्ताह में एक करोड़ से ज्यादा लोगों के संक्रमित होने का अनुमान है।

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टेड्रॉस ने विश्वस्तर पर टीकाकरण के लक्ष्यों हासिल नहीं होने पर चिंता जाहिर की कि जहां टीकाकरण नहीं हुआ है या कम हुआ है ऐसे समुदाय कोविड के नए वैरिएंट के के स्रोत और आश्रय स्थल हैं। पूरी दुनिया में समान मात्रा में वैक्सीन नहीं लगने पर पूरी तरह टीकाकरण वाले देश भी नए स्वरूपों के जोखिम से बच नहीं पाएंगे।

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डब्ल्यूएचओ चाहता था, दिसंबर 2021 तक सभी देश अपनी आबादी के 40 फीसदी लोगों का पूर्ण टीकाकरण कर लें, लेकिन डब्ल्यूएचओ के 194 सदस्य देशों में से 92 इस लक्ष्य को हासिल नहीं कर सके। इनमें से 36 तो 10 फीसदी भी टीकाकरण नहीं कर सके।

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अब डब्ल्यूएचओ ने 2022 के मध्य तक सभी देशों को अपनी आबादी के 70 फीसदी लोगों का टीकाकरण करने का लक्ष्य दिया है। इस असमानता पर टेड्रॉस ने कहा, वैक्सीन असमानता लोगों और रोजगार की हत्या है, जिससे वैश्विक आर्थिक सुधार के प्रयास कमजोर हो रहे हैं। अमीर देशों में बूस्टर डोज से महामारी खत्म नहीं होगी, बल्कि इससे पूरी दुनिया असुरक्षित बनी रहेगी।

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ओमिक्रॉन से ज्यादा संक्रामक स्वरूप आते रहेंगे
डब्ल्यूएचओ की कोविड-19 तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव का कहना है कि ओमिक्रॉन आखिरी चिंताजनक वैरिएंट नहीं है। आने वाले दिनों में इससे भी अधिक संक्रामक वैरिएंट सामने आ सकते हैं। डब्ल्यूएचओ के कोविड टूल फ्रंटमैन ब्रूस आयलवर्ड कहते हैं कि 2022 की समाप्ति महामारी में ही हो, यह जरूरी नहीं है। डब्ल्यूएचओ के आपात निदेशक माइकल रयान कहते हैं कि समान टीकाकरण के बिना 2022 के अंत तक दुनिया बड़ी त्रासदी की ओर बढ़ जाएगी।