नेपाल में बाढ़, भूस्खलन के कारण जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 148 हुई |

नेपाल में बाढ़, भूस्खलन के कारण जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 148 हुई

नेपाल में बाढ़, भूस्खलन के कारण जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 148 हुई

:   Modified Date:  September 29, 2024 / 07:59 PM IST, Published Date : September 29, 2024/7:59 pm IST

(शिरीष बी. प्रधान)

काठमांडू, 29 सितंबर (भाषा) नेपाल में बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर रविवार को 148 हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी।

शुक्रवार से पूर्वी और मध्य नेपाल के बड़े हिस्से जलमग्न हो गए हैं और देश के कई हिस्सों में अचानक बाढ़ आ गई है।

पुलिस के अनुसार, काठमांडू घाटी में बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण अब तक 43 लोगों की मौत हुई है।

सशस्त्र पुलिस बल सूत्रों के अनुसार बाढ़, भूस्खलन और जलभराव के कारण 55 लोग लापता हैं, जबकि 101 लोग घायल हुए हैं।

भूस्खलन के कारण शनिवार से ही राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हैं और सैकड़ों लोग विभिन्न राजमार्गों पर फंसे हुए हैं।

कम से कम 322 मकान और 16 पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

सूत्रों ने बताया कि लोगों को बचाने के लिए 20,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।

उन्होंने बताया कि करीब 3,626 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सूत्रों ने बताया कि बचाव अभियान अब भी जारी है।

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने कहा कि भूस्खलन से क्षतिग्रस्त राजमार्गों के खंडों को खोलने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्होंने 40-45 वर्षों में काठमांडू घाटी में ऐसी विनाशकारी बाढ़ और जलभराव कभी नहीं देखा।

सशस्त्र पुलिस बल ने एक बयान में कहा कि मरने वालों की संख्या 125 तक पहुंच गई है। काठमांडू के पास स्थित धादिंग जिले में शनिवार को एक बस के भूस्खलन की चपेट में आने से कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई। भक्तपुर शहर में भूस्खलन में एक मकान ढहने से पांच लोगों की मौत हो गई।

मकवानपुर में ‘ऑल इंडिया नेपाल एसोसिएशन’ द्वारा संचालित एक प्रशिक्षण केंद्र में, भूस्खलन की घटना में छह फुटबॉल खिलाड़ियों की जान चली गई और अन्य लोग बाढ़ के पानी में बह गए।

मंगलवार तक बारिश जारी रहने के अनुमान के बावजूद रविवार को थोड़ी राहत मिली।

‘इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलेपमेंट’ (आईसीआईएमओडी) में जलवायु और पर्यावरण विशेषज्ञ अरुण भक्त श्रेष्ठ ने कहा, ‘‘मैंने काठमांडू में पहले कभी इतने बड़े पैमाने पर बाढ़ नहीं देखी।’’

आईसीएमओडी द्वारा शनिवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया कि काठमांडू की मुख्य नदी बागमती शुक्रवार और शनिवार को पूर्वी तथा मध्य नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद से खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

इसमें कहा गया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर हवा के कम दबाव की स्थिति और मानसून के कारण शनिवार को असाधारण रूप से मूसलाधार बारिश हुई।

वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण पूरे एशिया में बारिश की मात्रा और समय में बदलाव आ रहा है।

बाढ़ और भूस्खलन के कारण नेपाल के कई हिस्सों में जनजीवन ठप हो गया है। कई राजमार्ग और सड़कें अवरुद्ध हैं, सैकड़ों मकान और पुल बह गए हैं तथा सैकड़ों परिवार विस्थापित हो गए हैं। सड़क अवरुद्ध होने के कारण विभिन्न स्थानों पर हजारों यात्री फंसे हुए हैं।

भाषा जोहेब सुभाष

सुभाष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)