Publish Date - December 15, 2024 / 11:35 PM IST,
Updated On - December 15, 2024 / 11:55 PM IST
केपटाउन: Cyclone Chido kills nearly 1000 people , फ्रांस के मायोट क्षेत्र में चक्रवात ‘चिडो’ से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या लगभग 1,000 हो सकती है। सरकार के शीर्ष अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
मायोट प्रीफेक्ट फ्रांकोइस-जेवियर बियुविले ने टीवी चैनल मायोट ला1एरे से कहा, “मुझे लगता है कि सैकड़ों लोग मारे गए हैं, शायद संख्या लगभग एक हजार के करीब पहुंच जाए।”
उन्होंने बताया कि शनिवार को हिंद महासागर के द्वीपों पर आए भीषण उष्णकटिबंधीय चक्रवात के कारण हुई व्यापक तबाही के बाद अभी सटीक संख्या बता पाना ‘बेहद कठिन’ है।
अधिकारियों ने रविवार को पहले मायोट में कम से कम 11 लोगों की मौत की पुष्टि की थी लेकिन कहा था कि यह संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
अफ्रीका के तट से दूर दक्षिण-पूर्वी हिंद महासागर में स्थित मायोट, फ्रांस का सबसे गरीब द्वीप क्षेत्र और यूरोपीय संघ का सबसे गरीब क्षेत्र है।
Cyclone Chido kills nearly 1000 people पर आधारित FAQ सेक्शन:
1. चक्रवात ‘चिडो’ किस क्षेत्र में सबसे अधिक प्रभावित हुआ है?
चक्रवात ‘चिडो’ फ्रांस के मायोट द्वीप क्षेत्र में सबसे अधिक प्रभावी हुआ है, जो हिंद महासागर में स्थित है। यह क्षेत्र यूरोपीय संघ का सबसे गरीब क्षेत्र माना जाता है।
2. Cyclone Chido kills nearly 1000 people: क्या यह संख्या आधिकारिक है?
मायोट प्रीफेक्ट फ्रांकोइस-जेवियर बियुविले के अनुसार, मरने वालों की संख्या सटीक रूप से बताना कठिन है, लेकिन यह लगभग 1,000 तक पहुंचने का अनुमान है।
3. चक्रवात ‘चिडो’ से प्रभावित क्षेत्र में राहत कार्य कैसे हो रहे हैं?
सरकारी अधिकारियों और आपातकालीन सेवाओं द्वारा राहत कार्य जारी हैं, लेकिन गंभीर तबाही के कारण सहायता और पुनर्वास कार्यों में चुनौतियां आ रही हैं।
4. Cyclone Chido kills nearly 1000 people: क्या यह हिंद महासागर में अब तक का सबसे घातक चक्रवात है?
यह चक्रवात मायोट के लिए बेहद विनाशकारी साबित हुआ है, लेकिन हिंद महासागर में यह अब तक का सबसे घातक चक्रवात नहीं कहा जा सकता। अन्य घातक चक्रवात भी इतिहास में दर्ज हैं।
5. क्या मायोट की आर्थिक स्थिति Cyclone Chido के प्रभाव को संभाल पाएगी?
मायोट फ्रांस का सबसे गरीब क्षेत्र है, इसलिए चक्रवात ‘चिडो’ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए अंतरराष्ट्रीय सहायता और फ्रांस सरकार की विशेष मदद की आवश्यकता होगी।