कैंसर को फैलने से रोक सकता है कोविड संक्रमण, चूहों पर हुए शोध से मिली जानकारी |

कैंसर को फैलने से रोक सकता है कोविड संक्रमण, चूहों पर हुए शोध से मिली जानकारी

कैंसर को फैलने से रोक सकता है कोविड संक्रमण, चूहों पर हुए शोध से मिली जानकारी

:   Modified Date:  November 23, 2024 / 04:33 PM IST, Published Date : November 23, 2024/4:33 pm IST

(जस्टिन स्टेबिंग, प्रोफेसर, बायोमेडिकल साइंस, एंजिला रस्किन विश्वविद्यालय)

लंदन, 23 नवंबर (द कन्वरसेशन) जर्नल क्लीनिकल इंवेस्टिगेशन में प्रकाशित एक शोध में बताया गया है कि गंभीर कोविड संक्रमण का एक अनापेक्षित संभावित लाभ है कि इससे कैंसर से प्रभावित कोशिकाओं को फैलने से रोकने में मदद मिल सकती है।

चूहों पर किए गए शोध से हासिल हुई इस आश्चर्यजनक जानकारी से कैंसर के उपचार के लिए नए रास्ते खुल सकते हैं। शोध में प्रतिरक्षा प्रणाली और कैंसर कोशिकाओं के बीच जटिल जुड़ाव का उल्लेख किया गया है, हालांकि इसका मतलब यह कतई नहीं है कि लोग ये मान लें कि कोविड कैंसर से बचा सकता है।

कैंसर के दौरान प्रतिरक्षा प्रणाली के महत्व को रेखांकित करने के लिए काफी आंकड़े हैं। कई दवाएं प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रभाव डालती हैं, जिससे इसकी क्षमता का पता चलता है और यह मेरे अपने शोध का एक महत्वपूर्ण केंद्र बिंदु है।

शोध ‘मोनोसाइट्स’ नामक एक प्रकार की रक्त कोशिका (रेड ब्लड सेल) पर केंद्रित था। ये प्रतिरक्षा कोशिकाएं संक्रमण और अन्य खतरों से शरीर की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हालांकि, कैंसर रोगियों में, कभी-कभी ट्यूमर कोशिकाएं मोनोसाइट्स कोशिकाओं को अपनी चपेट में लेकर उन्हें कैंसर के पनपने के लिए अनुकूल बना देती हैं। फिर ये कोशिकाएं ट्यूमर को प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) से बचाती हैं, जिसकी वजह से ट्यूमर फैलने लगता है।

शोधकर्ताओं ने पाया कि गंभीर कोविड संक्रमण के कारण शरीर में एक विशेष प्रकार की मोनोसाइट कोशिकाएं बनती हैं, जिनमें कैंसर से लड़ने की क्षमता होती हैं। ये मोनोसाइट कोशिकाएं वायरस से लड़ने के लिए विशेष रूप से सक्षम होती हैं, साथ ही इनमें कैंसर कोशिकाओं से लड़ने की ताकत भी होती है।

यह समझने के लिए कि यह कैसे काम करता है, हमें कोविड का कारण बनने वाले वायरस के अनुवांशिक विवरण को देखना होगा। शोधकर्ताओं ने पाया कि इन मोनोसाइट में एक विशेष ‘रिसेप्टर’ होता है जो कोविड आरएनए के एक विशिष्ट अनुक्रम से अच्छी तरह से जुड़ जाता है।

शिकागो के नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय के इस शोध कार्य में शामिल वैज्ञानिकों में से एक अंकित भारत ने ताला-चाबी का उदाहरण देकर इस जुड़ाव को समझाते हुए कहा कि यदि मोनोसाइट को एक ताला माना जाए तो उसे बंद करने के लिए कोविड आरएनए सबसे बेहतर चाबी होगी।

अपने सिद्धांत का परीक्षण करने के लिए, अनुसंधान दल ने मेलेनोमा (त्वचा), फेफड़ों, स्तनों और आंतों के कैंसर समेत विभिन्न प्रकार के कैंसरों से पीड़ित चूहों पर प्रयोग किए। उन्होंने चूहों को एक दवा दी, जिससे विशेष प्रकार के मोनोसाइट्स पैदा हुए। इस प्रयोग के परिणाम शानदार रहे और सभी चार चरण के कैंसर से पीड़ित चूहों का ट्यूमर सिकुड़ने लगा।

ट्यूमर द्वारा कैंसर के लिए अनुकूल कोशिकाओं में तब्दील किए गए सामान्य मोनोसाइट के विपरीत इन विशेष मोनोसाइट के कैंसर से लड़ने वाले गुण बरकरार रहे। विशेष मोनोसाइट्स ट्यूमर वाली जगहों पर जाने में सक्षम थे, जहां अधिकतर प्रतिरक्षा कोशिकाएं नहीं पहुंच पातीं। विशेष मोनोसाइट्स ने वहां पहुंचने के बाद कैंसर को रोकने वाली प्राकृतिक कोशिकाओं को सक्रिय कर दिया। इसके बाद इन प्राकृतिक कोशिकाओं ने कैंसर कोशिकाओं पर हमला किया, जिससे ट्यूमर फैलने से रुक गया।

(द कन्वरसेशन) जोहेब माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)