कुआलालंपुर: मलेशिया के राजा ने मंगलवार को कोरोना वायरस के लिए आपातकाल पर मुहर लगा दी है, जिससे कम से कम अगस्त महीने तक संसद निलंबित रहेगी और इससे संकटग्रस्त प्रधानमंत्री मुहयिद्दीन यासीन को पद से हटाने के लिए आम चुनाव करवाने के सभी प्रयासों पर रोक लगा जाएगी और उन्हें राहत मिल जाएगी।
मुहयिद्दीन ने टेलीविजन पर भाषण में नागरिकों को आश्वासन दिया कि यह आपातकाल ‘‘सैन्य तख्तापलट नहीं है और इसमें कर्फ्यू नहीं लगाया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि एक अगस्त तक जारी रहने वाले आपातकाल के दौरान भी कमान असैन्य सरकार के हाथों में होगी। आपातकाल अगस्त या उससे पहले तक जारी रहेगा इस बारे में फैसला हालात को देखकर लिया जाएगा।
आपातकाल की घोषणा एकाएक ही की गई है। एक दिन पहले ही मुहयिद्दीन ने घोषणा की थी कि मलेशिया का सबसे बड़ा शहर कुआलालंपुर, प्रशासनिक राजधानी पुत्रजया और पांच अत्यंत जोखिम वाले शहरों में लगभग लॉकडाउन जैसी स्थिति होगी जो बुधवार से शुरू होकर दो हफ्तों तक जारी रहेगी।
यह सब घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब सत्तारूढ़ गठबंधन में सबसे बड़े दल यूनाइटेड मलय नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ने मुहयिद्दीन से समर्थन वापस लेने की धमकी दी है ताकि समय से पहले आम चुनाव कराए जा सकें। मुहयिद्दीन ने कहा है कि महामारी से राहत मिलने पर, जब चुनाव कराना सुरक्षित होगा तब वह आम चुनाव कराएंगे।
Read More: मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, फिर से बढ़ेगी ठंड, कई इलाकों में शीतलहर के आसार
इससे पहले मलेशिया में 1969 में आपातकाल की घोषणा हुई थी जब नस्ली दंगों में सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी। मलेशिया नरेश द्वारा आपातकाल की घोषणा को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है। इससे पहले नरेश सुल्तान अब्दुल्ला अहमद शाह ने अक्टूबर में मुहयिद्दीन के आपातकाल घोषित करने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था।
Read More: मध्यप्रदेश: जहरीली शराब पीने से तीन और लोगों की मौत, मृतकों का आंकड़ा बढ़कर हुआ 10