सीओपी29 : भारत, अन्य विकासशील देशों ने उचित जलवायु वित्तीय प्रतिबद्धताओं की मांग की

सीओपी29 : भारत, अन्य विकासशील देशों ने उचित जलवायु वित्तीय प्रतिबद्धताओं की मांग की

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  • Publish Date - November 13, 2024 / 02:08 PM IST,
    Updated On - November 13, 2024 / 02:08 PM IST

(उज्मी अतहर)

बाकू (अजरबैजान), 13 नवंबर (भाषा) समान विचारधारा वाले विकासशील देशों के समूह के हिस्से के रूप में भारत यहां जारी ‘सीओपी29’ जलवायु वार्ता में विकसित देशों से समान वित्तीय सहायता दिए जाने के आह्वान पर दृढ़ रुख अपना रहा है। समूह के कई सूत्रों ने यहां यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि इस बात पर भी चिंता व्यक्त की गई कि लगभग 69 प्रतिशत निधि ऋण के रूप में आयी, जिससे पहले से ही कमजोर देशों पर बोझ बढ़ गया है।

वार्षिक जलवायु वार्ता में भारत ने समान विचारधारा वाले विकासशील देशों (एलएमडीसी), जी-77 और चीन तथा बेसिक (ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत और चीन) जैसे अहम समूहों में बातचीत की, जहां यह जलवायु वित्त, इक्विटी और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की वकालत करने के लिए अन्य विकासशील देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता में लगभग 130 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले सबसे बड़े समूह जी-77 और चीन ने मंगलवार को नए जलवायु वित्त लक्ष्य पर वार्ता के मसौदा पाठ की रूपरेखा को अस्वीकार कर दिया था।

यह इस वर्ष अजरबैजान के बाकू में होने वाले जलवायु शिखर सम्मेलन का केंद्रीय मुद्दा है।

‘न्यू कलेक्टिव क्वांटिफाइड गोल’ (एनसीक्यूजी) इस साल के जलवायु शिखर सम्मेलन में केंद्रीय मुद्दा है। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के लिए पार्टियों के 29वें सम्मेलन (सीओपी29) में वैश्विक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम रखने के लिए सामूहिक रूप से बातचीत और काम किया जा रहा है।

वार्ता के दौरान एलएमडीसी ने प्रभावी जलवायु कार्रवाई में बाधा डालने वाले वित्तीय अंतराल पर ध्यान देने के लिए ‘‘सामान्य लेकिन विभिन्न जिम्मेदारियों’’ (सीबीडीआर) के सिद्धांत पर जोर दिया।

एक अन्य वार्ताकार ने कहा कि इसके अलावा, एलएमडीसी ने नए वित्तपोषण सिद्धांतों के खिलाफ कड़ी आपत्ति जताई, जो कड़े निवेश लक्ष्य लागू कर सकते हैं। उनका तर्क है कि ये स्थापित निवेश बुनियादी ढांचे वाले देशों का पक्ष लेंगे।

भाषा गोला वैभव

वैभव