एपिया (समोआ), 26 अक्टूबर (एपी) राष्ट्रमंडल देशों ने शनिवार को प्रशांत द्वीप राष्ट्र समोआ में आयोजित शिखर सम्मेलन के दौरान अपनी पहली महासागर घोषणा को अंगीकार किया। इस दौरान ब्रिटेन के कुछ पूर्व उपनिवेशों ने गुलामी के दिनों में अटलांटिक पार हुए दास व्यापार के लिए क्षतिपूर्ति न्याय की मांग भी की।
एपिया महासागर घोषणा का ऐलान राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की 27वीं बैठक के समापन सत्र के दौरान किया गया। इस दौरान सभी 56 राष्ट्रमंडल देशों से गंभीर जलवायु, प्रदूषण और अत्यधिक दोहन की स्थिति में महासागर की रक्षा करने का आह्वान किया गया था।
राष्ट्रमंडल के आधे से अधिक सदस्य समोआ जैसे छोटे देश हैं। इनमें से कई देशों को समुद्र के बढ़ते जल स्तर से अस्तित्व संबंधी खतरे का सामना करना पड़ रहा है।
शिखर सम्मेलन में जहां पर्यावरणीय खतरे को प्रमुख विषय के रूप में दर्शाया गया, वहीं ब्रिटेन के औपनिवेशिक इतिहास के दौरान हुए अटलांटिक पार दास व्यापार का मुद्दा भी हावी रहा। इस दौरान ब्रिटेन के उपनिवेश रहे कई देशों ने इसके लिए क्षतिपूर्ति न्याय की मांग की।
ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि इतिहास को बदला नहीं जा सकता, लेकिन वह समझते हैं कि ‘‘हमारे अतीत के सबसे दर्दनाक पहलू गूंजते रहेंगे।’’
एपी नेत्रपाल धीरज
धीरज