चीन अपनी संप्रभुता व हितों की रक्षा करेगा: ट्रंप के शुल्क बढ़ाने की धमकी पर राष्ट्रपति शी ने कहा

चीन अपनी संप्रभुता व हितों की रक्षा करेगा: ट्रंप के शुल्क बढ़ाने की धमकी पर राष्ट्रपति शी ने कहा

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  • Publish Date - December 10, 2024 / 04:05 PM IST,
    Updated On - December 10, 2024 / 04:05 PM IST

(के जे एम वर्मा)

बीजिंग, 10 दिसंबर (भाषा) चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने मंगलवार को आगाह किया कि अमेरिका और चीन के बीच शुल्क तथा प्रौद्योगिकी की लड़ाई में जीत किसी की नहीं होगी तथा बीजिंग अपने हितों की दृढ़ता से रक्षा करेगा।

उनका यह बयान जनवरी 2025 में डोनाल्ड ट्रंप के एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति पद की बागडोर संभालने से पहले आया है।

शी ने बीजिंग में विश्व बैंक (डब्ल्यूबी), अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) सहित 10 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के साथ की गई बैठक में कहा, ‘‘शुल्क, व्यापार तथा प्रौद्योगिकी की लड़ाई आर्थिक कानूनों के विपरीत हैं और इनमें कोई भी विजयी नहीं होगा।’’

चीनी राष्ट्रपति ने बैठक के दौरान अमेरिका के साथ संबंधों के लिए चीन के सिद्धांतों पर जोर दिया।

आधिकारिक मीडिया द्वारा यहां जारी की गई खबर के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘‘चीन हमेशा अपने मामलों पर ध्यान देगा और अपनी संप्रभुता, सुरक्षा एवं विकास से जुड़े हितों की दृढ़तापूर्वक रक्षा करेगा। चीन मुक्त अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहेगा।’’

शी ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘नेशनल ब्रॉडकास्टिंग कंपनी’ (एनबीसी) को दिए साक्षात्कार में कहा था कि उनके और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच ‘‘बहुत अच्छे संबंध हैं’’ और दोनों के बीच ‘‘इस सप्ताह ही बातचीत हुई है।’’ हालांकि चीन ने शी और ट्रंप के बीच हुई बातचीत की पुष्टि नहीं की।

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए अपने चुनाव अभियान के दौरान, ट्रंप ने अमेरिका को चीनी निर्यात पर 60 प्रतिशत शुल्क लगाने की धमकी दी थी और साथ ही चेतावनी दी थी कि अगर बीजिंग फेंटेनाइल पर अंकुश लगाने में विफल रहता है तो वह 10 प्रतिशत अधिक शुल्क लगा देंगे।

शी ने कहा कि सभी देशों की अर्थव्यवस्थाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सभी देशों को एक खुली विश्व अर्थव्यवस्था बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए, नवाचार को बढ़ावा देना चाहिए, डिजिटल अर्थव्यवस्था, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और कार्बन का कम उत्सर्जन होने वाली प्रौद्योगिकियों जैसे महत्वपूर्ण अवसरों का लाभ उठाना चाहिए, आर्थिक विकास के नए स्रोत खोजने चाहिए।

भाषा प्रीति प्रशांत

प्रशांत