एयरशो के दौरान नए लड़ाकू विमानों और ड्रोन पोत का प्रदर्शन करेगा चीन

एयरशो के दौरान नए लड़ाकू विमानों और ड्रोन पोत का प्रदर्शन करेगा चीन

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  • Publish Date - November 10, 2024 / 06:56 PM IST,
    Updated On - November 10, 2024 / 06:56 PM IST

(के जे एम वर्मा)

बीजिंग, 10 नवंबर (भाषा) चीन की सेना झुहाई शहर में आयोजित किए जा रहे अपने वार्षिक एयर शो में कुछ नवीनतम युद्धक विमानों को प्रदर्शित करेगी जिनमें एक नया लड़ाकू विमान और एक बड़ा ड्रोन जहाज भी शामिल है जिसे ‘किलर व्हेल’ के नाम से जाना जाता है।

चीन का 15वां एयर शो 12 से 17 नवंबर तक दक्षिण चीन के गुआंगडोंग प्रांत के झुहाई शहर में आयोजित किया जाएगा। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) हर साल एयर शो में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करती है।

पीएलए नौसेना जे-15टी जेट का प्रदर्शन करेगी। इसे तीसरे विमान वाहक पोत, फुजियान से संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो ‘इलेक्ट्रो मैग्नेटिक’ कैटापुल्ट से सुसज्जित है, जबकि अन्य दो विमान वाहक पोतों, लिओनिंग और शांदोंग में ‘स्की जंप टेक ऑफ’ रैंप लगे हैं।

‘एयरोस्पेस नॉलेज’ पत्रिका के मुख्य संपादक वांग यानान ने सरकारी अखबार ‘चाइना डेली’ को बताया कि जे-15टी को लिओनिंग और शांदोंग पर भी तैनात किया जा सकता है, दोनों ही स्थानों पर ‘फिक्स्ड-विंग’ विमान उड़ान भरने के लिए ‘स्की जंप’ विधि का इस्तेमाल करते हैं।

चीन की नौसेना एयर शो के दौरान ‘किलर व्हेल’ नामक एक बड़े ड्रोन जहाज को भी पहली बार प्रदर्शित करेगी।

हांगकांग से प्रकाशित ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ की खबर के मुताबिक यह पोत ‘‘लंबे समय तक खुले समुद्र में काम करने में सक्षम है’’। खबर के मुताबिक ‘किलर व्हेल’ में दोहरी डीजल और इलेक्ट्रिक प्रणोदन प्रणाली है, जो इसे 4,000 समुद्री मील (7,400 किमी) से अधिक की दूरी 40 नॉट्स (74 किमी/घंटा) की अधिकतम गति तक तय करने की क्षमता देती है।

अखबार ने इस पोत को एक ‘‘सर्वांगीण योद्धा’’ बताया है, जिसे विभिन्न प्रकार के हथियार से लैस किया जा सकता है जिनमें रॉकेट, जहाज-रोधी मिसाइलें और जहाज से हवा में मार करने वाली मिसाइलें शामिल हैं। इस पोत के पिछले हिस्से में हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने और उतरने के लिए हेलीपैड बनाया गया है।

इस पोत को स्वतंत्र रूप से तैनात किया जा सकता है तथा यह गश्त, पनडुब्बी रोधी अभियान, वायु रक्षा और बचाव कार्य भी कर सकता है।

हांगकांग के टिप्पणीकार लियांग गुओलियांग ने अखबार को बताया कि चीन झुहाई को चीनी सैन्य प्रौद्योगिकी खरीदने के इच्छुक देशों के लिए ‘‘वन-स्टॉप गंतव्य’’ बनाना चाहता था।

इस बीच, चीन ने दक्षिण चीन सागर में विवादित उथले क्षेत्र के लिए सीमा रेखांकित करने के लिए आधार रेखा प्रकाशित की है, जिसे उसने फिलीपीन से छीन लिया था। इस कदम से क्षेत्रीय दावों पर तनाव बढ़ने की आशंका है।

चीन के विदेश मंत्रालय ने रविवार को ‘स्कारबोरो शोल’ के आसपास के लिए ऑनलाइन भौगोलिक निर्देशांक पोस्ट किए। किसी देश के प्रादेशिक जल और अनन्य आर्थिक क्षेत्र को आमतौर पर आधार रेखा (बेसलाइन) से दूरी के रूप में परिभाषित किया जाता है।

भाषा

धीरज वैभव

वैभव