चीन ने दी भारत को धमकी, सीमा पर भारतीय सैनिकों ने चलाई गोली तो बुरा होगा अंजाम, 1962 युद्द की याद भी दिलाई

चीन ने दी भारत को धमकी, सीमा पर भारतीय सैनिकों ने चलाई गोली तो बुरा होगा अंजाम, 1962 युद्द की याद भी दिलाई

चीन ने दी भारत को धमकी, सीमा पर भारतीय सैनिकों ने चलाई गोली तो बुरा होगा अंजाम, 1962 युद्द की याद भी दिलाई
Modified Date: November 29, 2022 / 09:00 pm IST
Published Date: June 22, 2020 1:50 pm IST

पेइचिंग। भारतीय सैनिकों को नियंत्रण रेखा पर असाधारण परिस्थितियों में हथियार के इस्‍तेमाल की छूट मिलने से चीन का सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स भड़क उठा है। चीनी अखबार ने धमकी दी कि अगर भारतीय सैनिकों ने गोली चलाने की गलती की तो हम इसका मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं। चीनी अखबार ने संपादकीय में वर्ष 1962 के युद्ध की याद दिलाते हुए कहा कि आज चीन की सेना और अर्थव्‍यवस्‍था दोनों ही भारत से ज्‍यादा अच्छी है।

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ग्‍लोबल टाइम्‍स ने आगे लिखा, ‘अगर गोली चलाने का आदेश सच साबित हुआ तो ताजा घटनाक्रम भारतीय-चीन सीमा पर दोनों सेनाओं के बीच हुए विश्‍वास बहाली के समझौते का गंभीर उल्‍लंघन होगा। सीमा पर झड़प कभी-कभी होती है और दोनों ही देशों ने कई दशकों से गोली नहीं चलाई है। अगर भारतीय सैनिकों ने भविष्‍य में चीनी सैनिकों के खिलाफ हथियारों का इस्‍तेमाल किया तो सीमाई इलाकों में तस्‍वीर इससे उलट होगी।’

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अखबार ने लिखा, ‘मैं भारत के राष्‍ट्रवादियों को चेतावनी देना चाहता हूं कि यदि आपके सैनिक बिना हथियारों के युद्ध में जीत नहीं सकते हैं तो हथियार उनकी मदद नहीं करेगा। इसकी वजह यह है कि चीन की सैन्‍य ताकत भारत से ज्‍यादा आधुनिक और मजबूत है। हम यह बताना चाहेंगे कि 1962 से आज की स्थिति ज्‍यादा अलग नहीं है। चीन की जीडीपी भारत की पांच गुना और चीन का सैन्‍य खर्च भारत का तीन गुना ज्‍यादा है।’

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ग्‍लोबल टाइम्‍स ने कहा, ‘अगर भारत ने चीन के साथ सीमा विवाद को मुठभेड़ या स्‍थानीय युद्ध में बदला तो यह अंडे के पहाड़ से टकराने जैसा होगा।’ उसने कहा कि चीन भारत के साथ तनाव को भड़काना नहीं चाहता है लेकिन हमारे अंदर भारतीयों की किसी भी उकसावे वाली कार्रवाई का जवाब देने की क्षमता है। यह भारत के हित में है कि वह सीमा विवाद को नियंत्रण में रखे।

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बता दें कि गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के बाद भारत सरकार ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात भारतीय सैनिकों को ‘पूरी आजादी’ दे दी है। सरकार ने एलएसी (LAC) पर नियमों में बदलाव किया है। इसके तहत सेना के फील्ड कमांडरों को यह अधिकार दिया गया है कि वह विशेष परिस्थितियों में जवानों को हथियारों के इस्तेमाल की इजाजत दे सकते हैं।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com