फलस्तीन गुटों के बीच समझौता कराकर और यूक्रेनी विदेश मंत्री की मेजबानी से चीन ने अपना प्रभाव दिखाया

फलस्तीन गुटों के बीच समझौता कराकर और यूक्रेनी विदेश मंत्री की मेजबानी से चीन ने अपना प्रभाव दिखाया

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  • Publish Date - July 26, 2024 / 09:08 PM IST,
    Updated On - July 26, 2024 / 09:08 PM IST

बीजिंग, 26 जुलाई (एपी) इस सप्ताह लगातार दो दिन के दौरान चीन ने प्रतिद्वंद्वी फिलिस्तीनी गुटों के बीच समझौता कराया तथा यूक्रेन के विदेश मंत्री की मेजबानी की, वह भी ऐसे समय में जब यूक्रेन पर वहां चल रहे भीषण युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत करने का दबाव बढ़ रहा है।

हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि हमास और फतह के बीच समझौता सफल होगा या नहीं, क्योंकि अन्य देश इस मोर्चे पर विफल रहे हैं। उधर, यूक्रेन में शांति की दिशा में बहुत कम ठोस प्रगति हुई है।

लेकिन अपने इन कदमों से चीन एक विजेता के रूप में उभरा है, जिसने वैश्विक मंच पर एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में ही नहीं, बल्कि एक कूटनीतिक शक्ति के रूप में अपनी भूमिका को और मजबूत किया है।

दुनिया भर में अपना प्रभाव बढ़ाने में अमेरिका और चीन के जुटे रहने के बीच बीजिंग उत्तरोत्तर ऐसी भूमिका निभा रहा है जो पहले अमेरिका और रूस निभाया करते थे।

इस माह के प्रारंभ में पश्चिम देशों ने चीन की कुछ गतिविधियों को चिंताजनक बताया था और उसे ‘समस्या पैदा करने वाला’ बताया था। लेकिन इस सप्ताह की घटनाएं तथा पिछले साल चीन की मध्यस्थता में ईरान एवं सऊदी अरब के बीच पुन: संबंध स्थापित करने को लेकर हुए करार दर्शाते हैं कि अंतरराष्ट्रीय शक्तियां बीजिंग से मदद मांग रही हैं, यह इस बात की स्वीकृति है कि वह एक कूटनीतिक ताकत है।

अमेरिका के ‘इंस्टीट्यूट ऑफ पीस’ में वरिष्ठ विशेषज्ञ (चीन) कार्ला फ्रीमैन ने कहा, ‘‘ चीन वैश्विक मंच पर खुद को मध्यस्थ के रूप में पेश कर रहा है और विभिन्न देश इस दिशा में कदम उठा रहे हैं।’’

मंगलवार को फलस्तीनी धड़ों –हमास और फतह के बीच सरकार बनाने पर सैद्धांतिक सहमति बनी। उनके बीच पुरानी प्रतिद्वंद्विता के समाधान की यह नवीनतम कोशिश है।

‘सेंटर फॉर स्ट्रेटजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज’ में पश्चिम एशिया कार्यक्रम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं निदेशक जॉन अल्टरमैन ने कहा कि पहले की ऐसी घोषणाएं विफल हो चुकी हैं, लेकिन सभी पक्षों को एक कमरे में एकत्र करना भी एक उपलब्धि है।

हमास के अधिकारियों ने कहा है कि वे चीन को अमेरिका के संभावित प्रतिकार के रूप में देखते हैं, जो उनके शत्रु इजराइल का कट्टर सहयोगी है।

चीन के विदेश मंत्री यांग यी मंगलवार को हमास और फतह के प्रतिनिधियों के साथ फोटो में विश्वास से लबरेज नजर आये। चीनी सरकारी मीडिया ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने फलस्तीन करार को ‘अति महत्वपूर्ण’ करार दिया।

एक दिन बाद यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने भी वांग के साथ फोटो खिंचवायी और कहा कि चीन को शांति के लिए भूमिका निभाना है।

कुलेबा ने यात्रा के दौरान बुधवार को कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि यूक्रेन में न्यायपूर्ण शांति चीन के रणनीतिक हितों में है और शांति के लिए एक वैश्विक शक्ति के रूप में चीन की भूमिका महत्वपूर्ण है।’’

एपी राजकुमार संतोष

संतोष