पेइचिंग। चीन ने कारगिल की तरह चुपके से लद्दाख की गलवान घाटी और पैंगोंग शो झील के आसपास हजारों की संख्या में सैनिक तैनात कर दिया है। अब चीन ने भारत को सीधे धमकी दी है कि यह लद्दाख है डोकलाम नहीं। चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि हमारी सेना ने भारत से पहाड़ों में जंग लड़ने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है।
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ग्लोबल टाइम्स की खबरों के मुताबिक चीन ने डोकलाम की घटना के बाद अपने जखीरे में टैंक से लेकर अत्याधुनिक ड्रोन शामिल किया है। चीन ने अपने हथियारों के जखीरे में टाइप 15 टैंक, Z-20 हेलिकॉप्टर और जीजे-2 ड्रोन शामिल किए हैं जो उसे पहाड़ों और ऊंचाई वाले इलाकों में युद्ध के दौरान बढ़त दिलाएंगे। टाइप 15 टैंक को पिछले साल ही सेना में शामिल किया गया है। चीनी विश्लेषक ने दावा किया कि तिब्बत के पहाड़ों में यह हल्का टैंक बहुत आसानी से काम करेगा।
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चीनी विश्लेषक के हवाले से ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि पीएलए ने अत्याधुनिक PCL-181 तोप तैनात की है। 25 टन की इस तोप को कहीं भी बेहद आसानी से ले जाया जा सकता है। हल्की होने की वजह से यह बेहद आसानी पहाड़ों में घातक हमले कर सकती है। यह पूरी तरह से स्वचालित और अर्द्ध स्वचालित है। इन दोनों को ही चीन ने जनवरी में ही तिब्बत के पठारों पर तैनात कर रखा है।
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उन्होंने बताया कि चीनी सेना ने तिब्बत में भारतीय सीमा पर मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम तैनात किया है। यह रॉकेट लॉन्चर 370 एमएम के रॉकेट दागने में सक्षम है। चीनी सेना ने Z-20 मालवाहक हेलिकॉप्टर तिब्बत में तैनात किया है। यह हेलिकॉप्टर किसी भी मौसम में सैनिकों और सैन्य साजो सामान को पहुंचा सकता है। इसके अलावा Z-8G विशाल ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर तैनात किया गया है। यह हेलिकॉप्टर 4500 फुट की ऊंचाई पर भी काम कर सकता है।
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दरअसल, सेना के कुछ जवानों के कोरोना संक्रमित होने के बाद भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब मार्च के शुरू में होने वाले अपने अभ्यास को कुछ समय के लिए टाल दिया था। इसी का फायदा उठाते हुए चीनी सेना ने रणनीतिक दृष्टि से अहम भारतीय सेना के पेट्रोलिंग वाले इलाके में आगे बढ़ते हुए वहां अपनी पोजीशन मजबूत कर ली। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है।
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सैटलाइट तस्वीरों के हवाले से सरकारी सूत्रों ने बताया कि चीनी सैनिक भारतीय सेना के पेट्रोलिंग वाले इलाकों पोजीशन बना ली है और कुछ रणनीतिक दृष्टि से अहम क्षेत्र में भी आ गए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पहले बताया था कि भारत चीन के साथ इस मसले को सुलझाने की कोशिश कर रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी एक इंटरव्यू में कहा था कि चीन ने सीमा पर सेनाएं बढ़ाई हैं और मसले को सुलझाने के लिए बातचीत चल रही है।