चीन ने ताइवान के राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान हवाई और गुआम में रुकने की उनकी योजना की आलोचना की |

चीन ने ताइवान के राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान हवाई और गुआम में रुकने की उनकी योजना की आलोचना की

चीन ने ताइवान के राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान हवाई और गुआम में रुकने की उनकी योजना की आलोचना की

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Modified Date: November 29, 2024 / 05:07 PM IST
Published Date: November 29, 2024 5:07 pm IST

ताइपे (ताइवान), 29 नवंबर (एपी) ताइवान के राष्ट्रपति लाइ चिंग-ते दक्षिण प्रशांत की अपनी यात्रा के दौरान हवाई और गुआम में ठहरेंगे। उनकी इस योजना की चीन ने आलोचना की है।

लाइ शनिवार को ताइवान से मार्शल द्वीप समूह, तुवालु और पलाऊ की यात्रा के लिए रवाना होंगे जो ताइवान के तीन राजनयिक सहयोगी हैं।

लाइ के कार्यालय ने शुक्रवार को पुष्टि की कि वह अमेरिका के प्रांत हवाई और अमेरिकी क्षेत्र गुआम में रुकेंगे। उनकी इस योजना की चीन ने आलोचना की है।

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि अगर अमेरिका ताइवान जलडमरूमध्य में शांति बनाए रखना चाहता है तो उसके लिए ताइवान मुद्दे को ‘‘ताइवान के स्वतंत्र देश होने का सीधे तौर पर विरोध करते हुए और चीन के शांतिपूर्ण एकीकरण का समर्थन करते हुए बेहद सावधानी से’’ संभालना महत्वपूर्ण है।

माओ ने कहा कि चीन अमेरिका और ताइवान के बीच किसी भी तरह की आधिकारिक बातचीत और किसी भी कारण से ताइवान के नेताओं की अमेरिका की यात्रा का विरोध करता है।

जब उनकी पूर्ववर्ती, साइ इंग-वेन पिछले साल मध्य अमेरिका की यात्रा के दौरान अमेरिका में रुकीं, तो चीन ने कहा कि वह गहरी नजर रखे हुए है और वह “अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की दृढ़ता से रक्षा करेगा।”

चीनी सेना ने पिछले साल ताइवान के आसपास अभ्यास भी शुरू किया था, जो कि “अलगाववादियों और विदेशी ताकतों” के बीच समन्वय को लेकर एक “कड़ी चेतावनी” थी। यह अभ्यास ताइवान की तत्कालीन उपराष्ट्रपति लाइ के अमेरिका प्रवास के बाद शुरु हुआ था।

चीन ताइवान के नेताओं द्वारा इस तरह के अमेरिकी पड़ावों और साथ ही प्रमुख अमेरिकी राजनेताओं द्वारा द्वीप की यात्रा करने पर कड़ी आपत्ति जताता है, और इसे वाशिंगटन द्वारा 1979 में ताइपे से बीजिंग को अपनी औपचारिक मान्यता बदलने के बाद ताइवान को राजनयिक दर्जा न देने की अमेरिकी प्रतिबद्धता का उल्लंघन बताता है।

चीनी दबाव के कारण अपने राजनयिक भागीदारों की संख्या में कमी आती देख, ताइवान ने अंतरराष्ट्रीय मंचों में भाग लेने के प्रयासों को दोगुना कर दिया है।

एपी खारी मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)