china change 5 lunar lander जी हां अब आप रोज चांद का दीदार कर सकेंगें। वहीं पर अपने सपनों का आशियाना भी बना सकेंगे। क्योंकि चांद पर पानी मिल गया है। हालांकि धरती की तरह वहां के पानी में बहाव नहीं है। यह अंधेरे वाले हिस्से में मौजूद क्रेटर्स यानी गड्ढों में जमी बर्फ में मौजूद है। इसके अलावा हाइड्रेटेड पत्थरों में। इस बात की पुष्टि भारत के चंद्रयान-1 और अमेरिका के LRO ने पहले भी कर चुके हैं, लेकिन अब चीन के लूनर लैंडर चांगई-5 ने भी पानी खोज निकाला है। साथ ही उसके स्रोत का भी पता लगाया है। ज्यादातर पानी चांद के अंदर मौजूद है।
चांगई-5 से मिले डेटा के मुताबिक चांद पर पानी हाइड्रोक्सिल ग्रुप के रूप मे हैं। यानी हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के एटम आपस में फंसे हुए हैं। पानी के लिए यह सबसे सामान्य रसायनिक प्रक्रिया है। चीन के वैज्ञानिकों को पानी की बूंदें तो नहीं मिली लेकिन पत्थरों में रसायनिक मिश्रण मिला है। चांगई-5 लूनर लैंडर इस समय चांद के ओशिएनस प्रोसेलारम यानी तूफानों के सागर में मौजूद है।
China’s Chang’E-5 Confirm Water On The Moon – And It Comes From The Lunar Interiorhttps://t.co/6aSnnqgxyt pic.twitter.com/q8VxfR0HZ0
— IFLScience (@IFLScience) June 16, 2022
चीन ने अपनी खोज की रिपोर्ट नेचर कम्युनिकेशन जर्नल में प्रकाशित की है। चीन का लूनर लैंडर चांगई-5 पहली ऐसी प्रयोगशाला है, जिसने चांद पर रहते हुए वहां पानी की खोज की है। चंद्रयान-1 या LRO ने चांद के चारों तरफ चक्कर लगाते हुए पानी खोजा था। जबकि, चांगई-5 लूनर लैंडर चांद के उस इलाके में है, जहां पर आजतक कोई और लैंडर या रोवर नहीं गया। चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेस के नेशनल एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जरवेशन के साइंटिस्ट और इस रिपोर्ट के लेखक ली चुनलाई ने अपने बयान में कहा कि दुनिया में पहली बार हमने चांद से लौटे सैंपल की जांच की। साथ ही चांद पर मौजूद लैंडर चांगई-5 के डेटा का एनालिसिस किया। दोनों ही डेटा हमें यह बता रहे हैं कि चांद पर पानी मौजूद है। अब इस बात की पुष्टि हो चुकी है। बस वहां पर पानी का रूप अलग है।
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