औगाडौगौ। संयुक्त राष्ट्र ने एक सनसनीकेज खुलासा किया है। बुर्किना फासो सरकार और संयुक्त राष्ट्र ने जानकारी देते हुए कहा है कि इस महीने की शुरुआत में हुए जिस हमले में 130 से ज्यादा लोग मारे गए थे, इस हत्याकांड को 12 से 14 साल के किशोरों ने अंजाम दिया था। बता दें कि याघा के सोल्हान गांव के सैकड़ों निर्दोष लोगों को गोलियों से भून दिया गया था और कई घरों में आग लगा दी गई थी।
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4 जून को बुर्किना फासो में हुए इस भीषण हमले में जिहादियों ने बच्चों का इस्तेमाल हमलावरों के तौर पर किया था। बुर्किना फासो में हुए अब तक के इस भीषण नरसंहार को अंजाम देने के लिए हमलावरों ने रात का ववक्त चुना था। हमले में नाइजर की सीमा से लगे याघा प्रांत के सोल्हान गांव के निवासी मारे गए थे। सरकारी प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा था कि हमलावरों ने गांव के घरों और बाजार को भी जला दिया था।
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सरकार के प्रवक्ता ओसेनी तंबौरा ने बताया कि इस हमले को बच्चों ने अंजाम दिया था। संयुक्त राष्ट्र की बच्चों की एजेंसी यूनिसेफ ने गुरुवार को एक बयान में कहा, ‘हम ऐसे सशस्त्र समूहों द्वारा बच्चों और किशोरों को भर्ती करने की कड़ी निंदा करते हैं। . यह उनके मौलिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है.’।
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वहीं स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि जिहादी संगठन पिछले एक वर्ष से बच्चों से हमले करा रहे हैं, लेकिन इस महीने हुआ हमला अब तक का सबसे भीषण हमला था। बुर्किना फासो में हो रही हिंसा के कारण मात्र 2 वर्षों में 11.4 लाख लोगों को देश छोड़ना पड़ा है।