कैपिटल दंगा मामले की जांच बाधित होने के बाद सीनेट पर नियम परिवर्तन के लिए बदलाव

कैपिटल दंगा मामले की जांच बाधित होने के बाद सीनेट पर नियम परिवर्तन के लिए बदलाव

कैपिटल दंगा मामले की जांच बाधित होने के बाद सीनेट पर नियम परिवर्तन के लिए बदलाव
Modified Date: November 29, 2022 / 08:33 pm IST
Published Date: May 29, 2021 5:54 am IST

वाशिंगटन, 29 मई (एपी) कैपिटल (अमेरिकी संसद परिसर) पर छह जनवरी को हुए हमले की जांच के लिए आयोग के गठन संबंधी विधेयक में रिपब्लिकन सांसदों द्वारा रुकावट खड़ी करने के बाद डेमोक्रेटिक सांसदों पर सीनेट में किसी विधेयक को पारित कराने के लिए 60 मतों की आवश्यकता वाले नियम में बदलाव को लेकर दबाव बढ़ गया है।

राष्ट्रपति जो बाइडन के एजेंडा और डेमोक्रेटिक पार्टी की प्राथमिकताओं को अगले चरण में ले जाने की संभावना बनाने के लिए इस नियम में बदलाव बहुत जरूरी है।

विधेयक पारित कराने में मिली ताजा हार के बाद, सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर ने चुनाव प्रक्रिया में पूरी तरह परिवर्तन किए जाने संबंधी एक और महत्त्वपूर्ण प्राथमिकता पर मतदान के लिए जून की तारीख निर्धारित की है जो 2020 राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की बाइडन के हाथों हार के बाद कई प्रमुख राज्यों में उभर रहे प्रतिबंधात्मक नये मतदान कानूनों में बदलाव करेगा।

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महत्त्वकांक्षी चुनाव विधेयक को सीनेट की कार्यवाही में बाधा डालने वाले नियमों में बदलाव के लिए निर्णायक परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है। इन नियमों के मुताबिक बराबर संख्या में बंटी यानि दोनों पार्टी के सदस्यों की समान संख्या वाली सीनेट में किसी भी विधेयक को पारित कराने के लिए 60 मतों की जरूरत होती है। डेमोक्रेटिक सांसद इस विधेयक को मतदान प्रणाली को बचाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम मान रहे हैं लेकिन रिपब्लिकनों के इसको अधिक समर्थन देने की उम्मीद नहीं है।

अमेरिकी संसद परिसर (कैपिटल) में हुए दंगों पर प्रस्तावित द्विपक्षीय आयोग के गठन को ग्रैंड ओल्ड पार्टी (जीओपी-रिपब्लिकन पार्टी) द्वारा बाधित किए जाने के बाद यह बहस तेज हो गई है। आयोग के गठन संबंधी विधेयक के पक्ष में 54 जबकि विरोध में 35 मत पड़े।

जीओपी का चौंकाने वाला यह विरोध डेमोक्रेट्स और संभवत: व्यापक जनता को दिखाता है कि कैसे अत्यधिक पक्षपातपूर्ण निष्ठा चुनाव सुधारों, अवसंरचनाओं और राष्ट्रपति के एजेंडा के अन्य हिस्सों पर द्विपक्षीय सहमति बनाने की बाइडन प्रशासन की कोशिशों के लिए कितनी मुश्किलें खड़ी कर सकती है।

एपी

नेहा प्रशांत

प्रशांत


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