हमारे परमाणु सिद्धांत में परिवर्तन का मकसद यूक्रेन के सहयोगी पश्चिमी देशों को चेतावनी देना है: रूस

हमारे परमाणु सिद्धांत में परिवर्तन का मकसद यूक्रेन के सहयोगी पश्चिमी देशों को चेतावनी देना है: रूस

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  • Publish Date - September 26, 2024 / 06:24 PM IST,
    Updated On - September 26, 2024 / 06:24 PM IST

मॉस्को, 26 सितंबर (एपी) क्रेमलिन ने बृहस्पतिवार को कहा कि रूस के परमाणु सिद्धांत में बदलाव का मकसद यूक्रेन के पश्चिमी सहयोगियों को रूस पर हमला करने में सहायता देने के प्रति चेतावनी देना है।

रूसी राष्ट्रपति कार्यालय और आवास, क्रेमलिन, के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा घोषित दस्तावेज में संशोधन उन देशों के लिए एक चेतावनी संकेत है कि अगर वे विभिन्न संपत्तियों के साथ हमारे देश पर हमले में शामिल होते हैं (जरूरी नहीं कि वे परमाणु हथियार हों) तो उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

पश्चिम को एक कड़ी और नई चेतावनी देते हुए पुतिन ने बुधवार को कहा कि परमाणु शक्ति संपन्न किसी देश के समर्थन से कोई राष्ट्र रूस पर पारंपरिक हमला करता है, तो उसे देश पर संयुक्त हमला माना जाएगा।

मॉस्को के परमाणु सिद्धांत के संशोधन में उल्लिखित खतरे का उद्देश्य स्पष्ट रूप से पश्चिम को यूक्रेन को रूस पर लंबी दूरी के हथियारों से हमला करने की अनुमति देने से हतोत्साहित करना था और ऐसा प्रतीत होता है कि यह रूस के परमाणु शस्त्रागार के संभावित उपयोग पर रोक में भी ढील देता है।

पुतिन ने बुधवार की सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान यह निर्दिष्ट नहीं किया कि क्या संशोधित दस्तावेज ऐसे हमले किये जाने पर परमाणु प्रतिक्रिया की परिकल्पना करता है, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रूस ऐसे पारंपरिक हमले के जवाब में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है जो ‘ हमारी संप्रभुता के लिए गंभीर खतरा’ हो।

युद्ध के तीसरे वर्ष में प्रवेश करन के बीच यूक्रेन में रूस धीमी लेकिन अनवरत बढ़त हासिल कर रहा है। इस महीने की शुरुआत में पुतिन ने अमेरिका और अन्य नाटो सहयोगियों को चेतावनी दी थी कि रूसी क्षेत्र पर हमला करने के लिए यूक्रेन को पश्चिमी देशों से प्राप्त लंबी दूरी के हथियारों का उपयोग करने की अनुमति देने से रूस और नाटो प्रत्यक्ष रूप से संघर्ष में उलझ जाएंगे।

एपी संतोष नरेश

नरेश