कनाडा के सांसद ने कनिष्क बम विस्फोट की नए सिरे से जांच की मांग वाली याचिका की निंदा की |

कनाडा के सांसद ने कनिष्क बम विस्फोट की नए सिरे से जांच की मांग वाली याचिका की निंदा की

कनाडा के सांसद ने कनिष्क बम विस्फोट की नए सिरे से जांच की मांग वाली याचिका की निंदा की

:   Modified Date:  September 27, 2024 / 07:08 PM IST, Published Date : September 27, 2024/7:08 pm IST

ओटावा, 27 सितंबर (भाषा) कनाडा में भारतीय मूल के एक प्रमुख सांसद ने 1985 में एअर इंडिया उड़ान 182 में हुए बम विस्फोट की नए सिरे से जांच की मांग वाली याचिका की आलोचना की तथा आरोप लगाया कि यह खालिस्तानी चरमपंथियों के “षड्यंत्र सिद्धांतों” को बढ़ावा देने वाला है।

याचिका में जांच की मांग इसलिये की गयी है ताकि किसी “विदेशी खुफिया एजेंसी” की संलिप्तता का पता लगाया जा सके।

मॉन्ट्रियल-नयी दिल्ली एअर इंडिया ‘कनिष्क’ उड़ान संख्या 182 में 23 जून 1985 को लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर उतरने से 45 मिनट पहले विस्फोट हो गया, जिससे विमान में सवार सभी 329 लोग मारे गए। विमान में सवार अधिकतर लोग भारतीय मूल के कनाडाई थे।

इस बम विस्फोट का आरोप सिख चरमपंथी उग्रवादियों पर लगाया गया था, जो 1984 में स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए किए गए ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ के प्रतिशोध में किया गया था।

नेपियन क्षेत्र से सांसद चंद्र आर्य ने बृहस्पतिवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में कहा कि दो कनाडाई जांचों में पाया गया है कि एअर इंडिया के विमान में बम विस्फोट के लिए खालिस्तान चरमपंथी जिम्मेदार हैं।

इस बम विस्फोट को कनाडा के इतिहास का “सबसे बड़ा सामूहिक हत्याकांड” बताते हुए आर्य ने कहा, “आज भी, उस आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार विचारधारा कनाडा में कुछ लोगों के बीच जीवित है।”

उन्होंने कहा, “कनाडा की दो सार्वजनिक जांचों में पाया गया कि एअर इंडिया विमान में बम विस्फोट के लिए खालिस्तानी चरमपंथी जिम्मेदार हैं। अब संसद के पोर्टल पर एक याचिका है जिसमें खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा प्रचारित षड्यंत्र के सिद्धांतों को बढ़ावा देने वाली एक नयी जांच की मांग की गई है।”

बल गुप्ता नाम के एक शख्स की पत्नी उस हमले में मारी गयी थीं। आर्य ने गुप्ता का हवाला देते हुए कहा, “यह बेहद निराशाजनक है। यह पुराने घावों को फिर से हरा कर देता है। यह सब बकवास है। यह आतंकवादी गतिविधियों के लिए प्रचार और समर्थन हासिल करने का प्रयास है।”

याचिका में कनाडा सरकार से कनिष्क बम विस्फोट की नए सिरे से जांच का आदेश देने की मांग की गई है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इसमें कोई “विदेशी खुफिया एजेंसी” शामिल थी।

भाषा प्रशांत अविनाश

अविनाश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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